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100 Crore Covid-19 Vaccination: जश्न सही पर कब मिलेगी भारत को मास्क से पूर्ण आज़ादी? देखिए Opinion India Ka

Updated Oct 22, 2021 | 00:25 IST

आज देश ने एक बड़ा कीर्तिमान रच डाला है। भारत ने 100 करोड़ वैक्सीन लगाने के आंकड़े को छू लिया है। अब इस क्रम में इतनी बड़ी कामयाबी हासिल करने के बाद ऐसा नहीं कि अब कोई चुनौती नहीं है। हम मास्क से पूर्ण रूप से आजाद कब होंगे ये सवाल अभी जस का तस बना हुआ है।

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आज देश दिवाली से पहले ही दिवाली मना रहा है। ये दिवाली वैक्सीनेशन को लेकर जो कामयाबी हिंदुस्तान को हासिल हुई है, उसको लेकर मनाई जा रही है। जैसा कि आप सब जानते हैं कि आज भारत ने 100 करोड़ वैक्सीन की डोज लगाने का कीर्तिमान बनाया है। देश इसी कामयाबी को सेलिब्रेट कर रहा है। इस वक्त देशभर में 100 ऐतिहासिक इमारतें जगमग हैं। ये सब तिरंगे के रंग में रंगी हुई हैं। ऐसा लग रहा है जैसे देश में दिवाली आज ही है। लाल किला हो, कुतुबमीनार हो, हुमायूं का मकबरा हो या चार मीनार आज इनपर खूबसूरत लाइटिंग की गई है। 

दिल्ली का लालकिला भी इस वक्त तिरंगे के रंग में रंगा हुआ है। लखनऊ में ऐतिहासिक इमारतों को सजाया गया है। ये रौशनी, ये जश्न तो अभी का है। आज दिनभर देश में अद्भुत उत्सव मनाया गया। आपको उसकी एक झलक दिखाते हैं। कोरोना से जंग के दौरान आज हम जिस मुकाम पर पहुंचे हैं, वो यूं ही नहीं हासिल हुई। इसके लिए देश को कई फ्रंट पर लड़ना पड़ा। कई मुश्किलें पेश आईं। कई चैलेंज सामने आए, जिनसे डटकर मुकाबला करना पड़ा। इन मुश्किलों का सामना करते हुए हमने बहुत कुछ खोया भी और तब जाकर हिंदुस्तान 100 करोड़ वैक्सीन का कवच हासिल कर पाया।

कोरोना के खिलाफ कोई भी कामयाबी हेल्थ वर्कर्स का जिक्र किए बिना अधूरी है। कोरोना की दोनों लहरों में और फिर वैक्सीनेशन की पूरी मुहिम में डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ ने शानदार और बेजोड़ भूमिका निभाई है। आज जब देश वैक्सीन के 100 करोड़ डोज का जश्न मना रहा है। तब कोविड के वक्त मेडिकल सिस्टम की चुनौती भरी यात्रा को समझना चाहिए। ये कामयाबी इसलिए ऐतिहासिक है क्योंकि भारत ने कोरोना के खिलाफ वैक्सीन वाली लड़ाई एक साथ कई मोर्चों पर लड़ी।

चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है। सबसे बड़ी चुनौती तो यही थी कि 130 करोड़ जनसंख्या तक टीका कैसे पहुंचाया जा सके। विविधता वाले देश में कई दुर्गम इलाके हैं, जहां पहुंचना आसान नहीं है। कई राज्यों में खराब मौसम एक अलग चुनौती है। ऐसे हालात में वैक्सीन का ट्रांसपोर्टेशन, डिस्ट्रीब्यूशन और स्टोरेज सबसे बडा चैलेंज था। इसी देश में वैक्सीन को लेकर तमाम अफवाहें फैलीं। लोगों के अंदर भ्रम की स्थिति थी, जिसके चलते कई राज्यों में वैक्सीन लगाने गए हेल्थ वर्कर्स पर हमले हुए। बावजूद इसके हिंदुस्तान ने हार नहीं मानी। तमाम बिघ्न और बाधाओं को पार कर ये इतिहास रचा। आज भारत को पूरा विश्व सलाम कर रहा है। WHO समेत दुनिया के तमाम बड़े देश हिंदुस्तान की दाद दे रहे हैं।

तो वैक्सीनेशन का महाशतक क्यों अहम है? आत्मनिर्भर भारत की अगली चुनौती क्‍या है? भारत को मास्क से आज़ादी कब मिलेगी? कोरोना जंग से हमें क्या हासिल हुआ? देखिये Opinion India Ka

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