- कतर की राजधानी दोहा में भारतीय राजदूत की तालिबान नेता से हुई है मुलाकात
- तालिबान से कहा गया है कि वह आतंक के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल नहीं होने देगा
- अफगानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण हो चुका है, अगले कुछ दिनों में वह अपनी सरकार बनाएगा
नई दिल्ली : अफगानिस्तान में बदली परिस्थितियों के बीच भारत सरकार ने तालिबान के साथ औपचारिक बातचीत शुरू कर चुकी है। तालिबान नेताओं के साथ भारत के राजनयिक की बातचीत 31 अगस्त को कतर की राजधानी दोहा में हुई। अब इस बातचीत पर विपक्ष ने सवाल पूछा है। ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार से सवाल किया है। ओवैसी ने बुधवार को पूछा कि 'क्या वे उन सभी तालिबानी नेताओं की सूची रद्द करने जा रहे हैं जिन्हें आंतकवाद की श्रेणी में रखा गया है क्योंकि भारत प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष है। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो क्या मोदी सरकार तालिबान को यूएपीए की आतंकी लिस्ट के तहत लाएगी?'
यह संवेदनशील मामला-केटीएस तुलसी
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने कहा कि यह संवेदशनशील मसला है। हमारी राय पर हजारों लोगों का जीवन निर्भर है। तालिबान अपने वादों पर खरा उतरेगा या नहीं, इसे देखना होगा। अभी हम यही उम्मीद कर सकते हैं कि तालिबान अपनी तरफ से अच्छा करेगा।
तालिबान नेता से हुई राजदूत दीपक मित्तल की मुलाकात
कतर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने मंगलवार को तालिबान नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई से मुलाकात की। अफगानिस्तान से अमेरिका सेना की वापसी के बाद भारत सरकार ने तालिबान के साथ बातचीत के औपचारिक चैनल की शुरुआत की है। इसके पहले तालिबान के साथ बातचीत की अपुष्ट रिपोर्टें सामने आती रही हैं। इस मुलाकात पर विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत ने तालिबान से कहा है कि आतंकवाद के लिए उसकी धरती का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
मंत्रालय ने बयान जारी कर दी जानकारी
मंत्रालय ने बताया कि अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और शीघ्र वापसी के साथ-साथ भारत आने के इच्छुक अफगान नागरिकों की यात्रा पर भी चर्चा की गई। मंत्रालय ने कहा कि तालिबान नेता ने मित्तल को आश्वासन दिया कि इन मुद्दों पर सकारात्मक ढंग से गौर किया जायेगा। विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा, ‘आज कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई से मुलाकात की।’तालिबान के साथ औपचारिक बातचीत को भारत सरकार के आधिकारिक रुख में बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।