- झारखंड सरकार गिराने की साजिश में तीन लोगों की हुई है गिरफ्तारी
- तीन लोगों में से एक निकला मजदूर और दूसरा फल विक्रेता
- झारखंड मुक्ति मोर्चा का आरोप बीजेपी के इशारे पर सरकार गिराने की साजिश
क्या वास्तव में झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही थी। क्या वास्तव में फाइनेंसर हवाला के जरिए विधायकों से संपर्क साध रहे थे। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बीजेपी पर आरोप भी मढ़ दिया। इस केस में तीन लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। लेकिन अब जो जानकारी सामने आ रही है उसके बाद पूरा मामला संदेह के घेरे में है, दरअसल बात ही कुछ ऐसी है।
झारखंड सरकार गिराने की साजिश में ट्विस्ट
झारखंड में सरकार गिराने की साजिश रचने के आरोप में तीन लोगों की गिरफ्तारी के मामले में बड़ा ट्विस्ट सामने आया है। पुलिस ने जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें एक फल विक्रेता और दूसरा मजदूर है। ये दोनों बोकारो के रहनेवाले हैं। इनके परिजनों का कहना है कि पुलिस ने इन्हें दो दिन पहले बोकारो में उनके घरों से उठाया था. इधर पुलिस ने इन तीनों को राजधानी रांची के ली-लैक होटल से गिरफ्तार करने का दावा किया है।
एक आरोपी मजदूर, दूसरा फल विक्रेता
परिजनों के मुताबिक निवारण प्रसाद महतो बोकारो में सब्जी और फल की रेहड़ी लगाते हैं जबकि अमित सिंह दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते हैं। निवारण प्रसाद महतो के जीजा सोनू कुमार ने कोतवाली थाना परिसर में में दावा किया कि गिरफ्तार किये गये दोनों लोग निर्दोष हैं। पुलिस ने दोनों को दो दिन पहले बोकारो में यह कहकर उठाया था कि एक मामले में पूछताछ करनी है। एक-डेढ़ घंटे में छोड़ दिया जायेगा।
अमित सिंह के पिता का बयान
अमित सिंह के पिता मदन सिंह का कहना है कि उनके बेटे को बोकारो से पुलिस वाले लेकर गए। उन्होंने जब पूछा कि आखिर अमित को ले जाने के पीछे की वजह क्या है तो पुलिस वालों ने कुछ नहीं बताया। जब उनसे पूछा गया कि आप का बेटा क्या करता है तो जवाब मिला कि वो मजदूर है। मदन सिंह से फिर पूछा गया कि क्या उनके बेटे का कोई राजनीतिर कनेक्शन है तो उस सवाल के जवाब में कहा कि वो कुछ नहीं जानते हैं।
निवारण प्रसाद महतो के संबंधी ने यह कहा
इसके साथ ही निवारण प्रसाद महतो के संबंधी का कहना है कि निवारण तो फल बेचने का काम करता है, जिस दिन बोकारो की सिटी पुलिस ने उसे उठाया तो वो थाने गए। थाने में डीएसपी साहब ने कहा कि आप लोग देख सकते हैं कि वो आराम से है, उसके बाद उसे गाड़ी में बैठाकर कहीं और ले जाया गया। इस संबंध में जब डीएसपी साहब से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आप लोगों को बता दिया जाएगा। जानकारी ना मिलने पर वो लोग फिर डीएसपी से मिले तो पता चला कि निवारण प्रसाद महतो रांची में है।
(लेखक उत्कर्ष सिंह, Times Now Navbharat में डिप्टी न्यूज एडिटर हैं)