- अध्यक्ष पर सस्पेंस बरकरार, कौन सबसे 'वफादार' ?
- .गहलोत-थरूर के बाद मनीष तिवारी के नाम की भी चर्चा
- आज दिग्विजय सिंह की सोनिया से मुलाकात, राहुल की कई नेताओं से मीटिंग संभव
Congress President की रेस में दो नाम और शामिल हो गए है, ख़बर है कि Ashok Gehlot और Shashi Tharoor के बाद Manish Tiwari के नाम की चर्चा हो रही है, आज Digvijay Singh भी Sonia Gandhi से मुलाकात करेंगे। वहीं Rahul Gandhi की कई नेताओं के साथ मीटिंग संभव है। दूसरी ओर ख़बर आ रही है कि Congress President बनने की तैयारी में जुटे Ashok Gehlot को बड़ा झटका लगा है, Rahul Gandhi ने कहा कि एक व्यक्ति एक पद पर ही बनता है। मनीष तिवारी अपने समर्थकों से चर्चा के बाद अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी पेश कर सकते हैं। तो वहीं मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्वजिय सिंह भी आज सोनिया गांधी से मुलाकात करने वाले हैं। वहीं भारत जोड़ो यात्रा के बीच राहुल गांधी आज दिल्ली में कई कांग्रेस नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं।
इन चेहरों के नामों की चर्चा
नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही पार्टी में अंदरूनी सियासत भी गर्माने लगी है और बयानबाजी भी रफ्तार पकड़ने लगी है। इसी उलझन और हलचल के बीच चार चेहरों की चर्चा है जो चुनाव के चक्रव्यूह को दिलचस्प बना रहे हैं। ये चेहरे हैं-
- अशोक गहलोत
- शशि थरूर
- मनीष तिवारी
- और दिग्विजय सिंह
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नहीं मानें राहुल
गहलोत और थरूर का नाम तो पहले से ही चर्चा में है मगर अब मनीष तिवारी और दिग्विजय सिंह भी रेस में शामिल बताए जा रहे हैं। ऐसे में लड़ाई दिलचस्प होने लगी है। अध्यक्ष कौन होगा ये तो अभी साफ नहीं लेकिन गांधी परिवार का क्या रोल होगा इस पर जरूर बहस शुरू हो चुकी है। किसी दौर में राहुल गांधी के सिपहसलार रहे दिग्विजय सिंह भविष्य में गांधी परिवार की भूमिका के बारे में जरूर बता रहे हैं। लेकिन दिग्गी राज खुद चुनाव लड़ेंगे या नहीं इससे आज सोनिया गांधी के साथ होने वाली मुलाकात के बाद सस्पेंस खत्म हो सकता है। दिग्विजय सिंह ने खुद को ऐसे वक्त पर रेस में शामिल किया है जब लाख कोशिशों के बाद भी राहुल गांधी को अध्यक्ष पद के लिए नहीं मनाया जा सका।
कौन करेगा मुकाबला
राहुल गांधी के इनकार के बाद अध्यक्ष पद के लिए सार्वजनिक चर्चा में जो दो नाम सामने आ रहे हैं, उसमें से किसी एक को चुनना हो तो दोनों में कोई तुलना ही नहीं हो सकती है। एक तरफ कार्यकर्ताओं और ज़मीन से जुड़े हुए अशोक गहलोत हैं जिन्होंने सीधी टक्कर में मोदी-शाह को पटखनी दी हो। दूसरी तरफ शशि थरूर साहब हैं, जिनका पिछले 8 वर्षों में पार्टी के लिए एक ही प्रमुख योगदान है-कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी जी को तब चिट्ठियां भेजीं जब वो अस्पताल में भर्ती थीं,इस कृत्य ने मेरे जैसे पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं को पीड़ा पहुंचाई। चयन बहुत सरल और स्पष्ट है।
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