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धाकड़ EXCLUSIVE खबर का असर, राजस्थान सरकार को रद्द करना पड़ा किसानों की जमीन की नीलामी

Updated Jan 20, 2022 | 21:33 IST

टाइम्स नाउ नवभारत की धाकड़ EXCLUSIVE खबर ने राजस्थान सरकार को किसानों के आगे झुका दिया। एक किसान की जमीन की नीलामी  को रद्द करने पर मजबूर कर दिया।

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मुख्य बातें
  • धाकड़ EXCLUSIVE खबर का धाकड़ असर
  • टाइम्स नाउ नवभारत की खबर की ताकत, झुक गई राजस्थान सरकार
  • राजस्थान में एक किसान ने सरकार झुका दी

Dhakad exclusive : दौसा में एक किसान परिवार की जमीन की नीलामी की खबर कल हमने ठीक इसी वक्त दिखाई थी। जिसका असर 17 घंटे में सामने आ गया। हमने आपको दिखाया था कि राजस्थान के दौसा जिले के एक किसान की जमीन को कर्ज की आड़ में राजस्थान सरकार ने नीलाम कर दिया। हमारी खबर के बाद ना सिर्फ राजस्थान बल्कि देश भर में हंगामा हो गया। आधी रात तक राजस्थान में नेताओं का भागमभाग जारी रही। राजस्थान सरकार के फैसले की हर तरफ आलोचना हुई। कांग्रेस की राजस्थान सरकार को आखिरकार झुकना ही पड़ा। हमारी धाकड़ खबर का क्या असर हुआ इस रिपोर्ट में देखिए।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ये ट्वीट हमारी खबर की ताकत को बयान करने के लिए काफी है। उस किसान की हिम्मत को बयां करने के लिए काफी है जिसकी जमीन कर्ज की आड़ में नीलाम की गई। राजस्थान के दौसा के एक किसान परिवार ने पूरे राज्य का कानून बदल दिया। प्रदेश में रिजर्व बैंक के नियंत्रण में आने वाले व्यवसायिक बैंकों द्वारा किसानों के ऋण न चुका पाने के कारण रोड़ा एक्ट (Removal of Difficulties Act)के तहत भूमि कुर्की व नीलामी की कार्यवाही की जा रही है। राज्य सरकार के अधिकारियों को इसे रोकने के निर्देश दिए हैं। 

ये धाकड़ EXCLUSIVE की खबर की ताकत, राज्य सरकार को किसानों की जमीन की नीलामी को रद्द करना पड़ा। राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में कर्ज की वजह से हो रही किसानों की जमीन के नीलामी को रद्द करने का निर्देश दिया। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केन्द्र सरकार से भी मदद मांगी। राज्य सरकार ने सहकारी बैंकों के ऋण माफ किए हैं व भारत सरकार से आग्रह किया है कि कमर्शियल बैंकों से वन टाइम सेटलमेंट कर किसानों के ऋण माफ करें। राज्य सरकार भी इसमें हिस्सा वहन करने हेतु तैयार है।

धाकड़ EXCLUSIVE में दौसा के किसान पप्पूलाल और राजूलाल की जमीन नीलाम करने की खबर दिखाए जाने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ये फैसला लिया है। इसके अलावा राज्य सरकार ने किसान की जमीन नीलाम करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की बात भी कही है।

कल हमने आपको दिखाया था कि किस तरह दौसा के किसान पप्पूलाल और राजूलाल की 15 बीघा 2 बिसवा जमीन, जिस पर वो खेती करते थे। उस जमीन को 7 लाख रुपये के कर्ज की आड़ में 46 लाख 51 हजार रुपये में नीलाम कर दिया गया। ये नीलामी रामगढ़ पचवारा SDM कार्यालय के आदेश के बाद हुई। जमीन की नीलामी की प्रक्रिया तहसील कार्यालय ने की थी। जिसके बाद किसान राजूलाल ने आत्महत्या करने की बात कही।

धाकड़ EXCLUSIVE में खबर दिखाने के बाद राजस्थान बीजेपी के नेता किरोड़ी लाल मीणा ने किसान परिवार से मुलाकात की और उनकी लड़ाई को राजस्थान की गहलोत सरकार तक पहुंचाया। किसान नेता राकेश टिकैत भी किसान परिवार से मिलने दौसा पहुंचे और सरकार से नीलामी रद्द करने की अपील की। जिसका असर ये हुआ कि ना सिर्फ राजूलाल और पप्पूलाल की जमीन की नीलामी रद्द की गई बल्कि पूरे राज्य में किसानों की जमीन की नीलामी को रद्द कर दिया गया। 

हमने आपको ये भी दिखाया था कि राजस्थान में कर्ज तले दबे किसानों की जमीनों को नीलाम करने की लंबी चौड़ी लिस्ट बनाई गई है। इस लिस्ट में 50 से ज्यादा किसानों के नाम है। आप अपने टीवी स्क्रीन पर जो लिस्ट देख रहे हैं ये जयपुर के चोमू विधानसभा क्षेत्र के किसानों की है। 53 किसानों की जमीन को नीलाम करने के लिए ये लिस्ट बनाई गई थी। जिस पर चोमू के विधायक रामलाल शर्मा, पप्पूलाल और राजूलाल की जमीनों के साथ साथ चोमू के 53 किसानों की जमीन भी नीलाम होने से बच गई है।

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