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Hathras Gangrape: नहीं बची एक और निर्भया, भाई ने बताया- आरोपियों ने कैसे दिया वारदात को अंजाम

Updated Sep 29, 2020 | 18:51 IST

Hathras gangrape: हाथरस गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। कई सवाल उठाए जा रहे हैं, भीम आर्मी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन जारी है।

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंग रेप की शिकार 19 साल की दलित लड़की का मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में निधन हो गया। इसके बाद लोगों में काफी गुस्सा है। हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में 14 सितंबर को 19 साल की एक दलित लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई थी। आरोपियों ने लड़की के साथ क्रूरता की हर हद पार की। उसे बांधकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया, कथित तौर पर उसकी जीभ काटी, उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी।

पीड़िता को घटना के बाद अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया, सोमवार सुबह उसकी हालत गंभीर होने के कारण इलाज के लिए उसे दिल्ली भेजा गया था। उसके पैर पूरी तरह काम नहीं कर रहे थे और हाथ भी आंशिक रूप से लकवाग्रस्त हो गए थे। 

मृतका के भाई ने वारदात के बारे में बताते हुए कहा, '5 लड़कों की पहले से प्लानिंग थी। ये वहां घूम रहे थे, वो लोग पीछे से खेत में आए और दुपट्टे से बहन का गला घोंट दिया। उसे खींच ले गए और बहन के साथ रेप किया। मम्मी आवाज देती है, उन्हें चप्पल और कुंडल दिखाई देते हैं। उन्होंने बहन को बिना कपड़ों के देखा।'

वहीं पिता ने न्याय मांगते हुए कहा कि आरोपियों को फांसी होनी चाहिए। ऐसा किसी के साथ नहीं होना चाहिए। इस घटना के खिलाफ भीम आर्मी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन जारी है। भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि हमने एक बार फिर पोस्टमार्टम कराने के लिए बोर्ड के गठन की मांग की थी। यूपी पुलिस सफदरजंग अस्पताल में आने पर पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट भी नहीं दिखाई। 

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि पीड़िता की शिकायत पर यूपी पुलिस को गैंगरेप का मामला दर्ज करने में 8 दिन क्यों लगे? उसे तुरंत एम्स जैसे प्रमुख संस्थान में क्यों नहीं लाया गया? यूपी के सीएम इस मामले में चुप क्यों है? इस घटना को आधिकारिक तौर पर फर्जी खबर बताया गया ताकि लीपापोती की जा सके।

वहीं AAP ने कहा कि जनता की आवाज उठाने वाले सांसद संजय सिंह पर 14 FIR कराने का वक्त है योगी जी के पास। लेकिन एक दलित महिला के साथ बलात्कार करने वालों पर 8 दिन तक कोई केस दर्ज नहीं किया गया।

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