Delhi सरकार की तरफ से भेजी गई 47 फाइलों को LG ने लौटा दिया है, जानकारी के अनुसार फाइल्स पर CM Arvind Kejriwal के दस्तखत मौजूद नहीं होने के कारण फाइलों को वापिस किया गया है। आपकों बता दे कि एक बार पहले भी ऐसा मामला सामने आ चुका है जिसमें फाइल्स में CM की जगह जूनियर ऑफिसर के दस्तखत पाए गए थे। इस तरह के मामले के सामने आने के बाद एलजी और आप सरकार के बीच दूरी का बढ़ना तय है। बता दें कि शुक्रवार को स्कूलों में अतिरिक्त क्लासरूम जोड़े जाने के मुद्दे पर एलजी ने दिल्ली के मुख्य सचिव को खत लिखा कि आखिर जब जांच की सिफारिश की गई है तो जांच क्यों नहीं हो रही है।
कुल 47 फाइलों पर नहीं थे दस्तखत
- शिक्षा विभाग से जुड़ी फाइल
- वक्फ बोर्ड से जुड़ी फाइल
- उपराज्यपाल ने 47 फाइल वापस की
- फाइलों पर सीएम कार्यालय के दस्तखत थे लेकिन सीएम केजरीवाल के हस्ताक्षर नहीं थे।
एलजी से मतभेद नई बात नहीं
बता दें कि दिल्ली सरकार और आप के बीच मतभेद का पुराना इतिहास रहा है। चाहे नजीब जंग का कार्यकाल रहा हो या अनिल बैजल का। आप सरकार का आरोप रहा है कि एलजी दफ्तर की तरफ से हमेशा अड़चन पैदा की जाती रही है। यह मामला अदालत की दहलीज तक जा पहुंचा था कि आखिर दिल्ली सरकार का बॉस कौन है। अदालत ने साफ किया संवैधानिक तौर पर सरकार का बॉस उपराज्यपाल हैं। लेकिन उपराज्यपाल को भी देखना होगा कि कहीं वो जनहित से जुड़ी फाइलों को बेवजह लटका तो नहीं रहे हैं। आम आदमी पार्टी के विधायक और मंत्री इस तरह के आरोप लगाते रहे हैं कि केंद्र सरकार के इशारे पर उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के कामकाज में खलल डालने की कोशिश करते हैं।