- मैसूर रेप केस में कर्नाटक में सियासत, विपक्ष मांग रहा है गृहमंत्री का इस्तीफा
- कर्नाटक के गृहमंत्री ने दिया था विवादित बयान,विरोध के बाद बयान लिया वापस
- एडीजी रैंक के पुलिस अधिकारी को सौंपी गई जांच
कर्नाटक के मैसूर में 24 तारीख को एक लड़की से बलात्कार हुआ। होना यह चाहिए था कि सरकार-पुलिस तेजी से कार्रवाई करते हुए दोषियों को सलाखों के पीछे डालती। लेकिन, हुआ ये कि अपराधी कहां हैं-किसी को नहीं मालूम और कानून संभालने वाले गृहमंत्री कह रहे हैं कि लड़की को शाम सात बजे के बाद निकलना ही नहीं चाहिए था। गृहमंत्री के इस बयान पर जबरदस्त हंगामा हुआ तो सफाई में खुद सीएम बासव राज बोम्मई उतरे और उन्होंने कहा कि इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। कर्नाटक के गृहमंत्री ने कहा कि ना तो माफी और ना ही इस्तीफे का सवाल है, कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है।
मैसूर केस सुलझाने की कोशिश
मैसूर रेप केस को सुलझाने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पहले जो बयान दिया उसे वापस लेते हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या वो अपने बयान पर माफी मांगेंगे तो उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है और उच्च स्तरीय जांच कराई जा रहे है, इस वारदात के लिए जो लोग दोषी होंगे उन्हें सजा दिलाई जाएगी।
एडीजी को जांच का जिम्मा
एसटी सोमशेखर, जिला प्रभारी मंत्री, मैसूर गैंगरेप की घटना पर कहा कि सीएम ने एडीजीपी प्रताप रेड्डी को मामले की जांच के लिए नियुक्त किया है, जब उन्हें (सीएम) सूचित किया गया था। राज्य के एचएम पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करने और यह तय करने के लिए यहां आएंगे कि यह उनकी विफलता थी या नहीं:
क्या है पब्लिक का मूड
हालांकि Times Now Navbharat ने जब लोगों से पूछा कि क्या कर्नाटक के CM को मैसूर बलात्कार केस में गृहमंत्री के आपत्तिजनक बयान पर इस्तीफा दें ? बता दें यह सवाल उनके बयान से पहले का है।
हां-75%
गृहमंत्री माफी मांगे-25%
रेप की घटनाएं अब सिर्फ एक आंकड़ा है और संवेदनहीनता की वजह इसे बढ़ावा ?
हां-73%
नहीं- 04%
तत्काल एक्शन जरुरी-23%