नई दिल्ली : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एयरपोर्ट के पास गुरुवार को आतंकी हमला हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने की आशंका है। अलग-अलग रिपोर्ट्स में मृतकों और घायल की संख्या अलग बताई जा रही है। एयरपोर्ट पर आतंकी हमले की खुफिया सूचना होने के बावजूद इस तरह की वारदात ने बड़ी चिंता पैदा की है। सबसे बड़ा सवाल है कि अब अफगानिस्तान को लेकर दुनिया का रुख क्या होगा?
काबुल में हुए विफस्फोटों ने भारत के लिए भी चिंताएं पैदा की है, जो अफगानिस्तान ने अपने नागरिकों और अन्य पीड़ितों को वहां से बाहर निकालने की मुहिम में जुटा हुआ था। अफगानिस्तान भौगोलिक रूप से भी अफगानिस्तान के नजदीक है। इसलिए भी सवाल उठता है कि काबुल में हुए धमाके भारत के लिए क्या मायने रखते हैं? क्या इस माहौल के बीच भारत अपना अभियान जारी रखेगा? मौजूदा हालात के बीच भारत को और अधिक चौकस होने की जरूरत है।
काबुल में हुए विस्फोटों के बीच टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर इन चीफ नाविका कुमार ने इस मसले पर ताजातरीन जानकारी मुहैया कराने के साथ-साथ कई विशेषज्ञों से भी बात की और कई सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश की। डर के माहौल के बीच सवाल तालिबान के रुख को लेकर भी उठ रहे हैं। तालिबान ने हालांकि हमले की निंदा की है, लेकिन खुद अफगान नागरिकों के लिए तालिबान पर भरोसा कर पाना मुश्किल हो रहा है।
काबुल में हुआ विस्फोट इसलिए भी सवाल पैदा करता है, क्योंकि लोगों को हवाई मार्ग से देश से बाहर निकालने की समयसीमा 31 अगस्त तय की गई थी। लेकिन उससे पहले ही यह हमला हुआ है। इसकी जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के खोरासन गुट (ISIS-K) ने ली है। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद यहां जिस तरह के हालात पैदा हुए हैं, उसमें सवाल अमेरिका नीतियों पर भी उठते हैं।