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News ki Pathshala: इलाज में हुई लापरवाही, एक दिन के बच्चे की हुई दर्दनाक मौत

Updated Aug 18, 2021 | 22:13 IST

News ki Pathshala: 'न्यूज की पाठशाला' में उन लोगों की क्लास लगी, जिनकी वजह से एक नवजात की जान चली गई। इलाज में लापरवाही से एक दिन के बच्चे की मौत हो गई।

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'न्यूज की पाठशाला' की बात हुई आपके बच्चों की जान से खेलने वालों की। पाठशाला में तालिबान की 'बैलेंस शीट' भी खोली गई। साथ ही हार को हौसले में बदलने वाली मोदी सर की क्लास भी लगी। दुनिया के लिए तालिबान सबसे बड़ी ख़बर है लेकिन हमारे लिए उस बच्चे की खबर बड़ी है जिसकी जान हमारे यहां की लापरवाही ने ले ली। न्यूज की पाठशाला में सबसे पहले इसी लापरवाही की क्लास लगी। यूपी के कौशांबी में एक बच्चे की जान चली गई। इस बच्चे ने एक दिन पहले ही जन्म लिया था। बच्चे की मौत कैसे हुई, इसे सुनने के लिए हिम्मत चाहिए। बच्चे का जन्म वहां के जिला अस्पताल में हुआ था।

बच्चा प्री-मैच्योर था, उसे देखभाल की जरूरत थी। डॉक्टर ने बच्चे को Sick New Born Unit में भेजा। बच्चे को वार्म रखने के लिए हीटिंग पैड लगाया गया। यूनिट का स्टाफ हीटिंग पैड लगाकर गायब हो गया। किसी ने ध्यान नहीं दिया, स्टाफ बाहर घूम रहा था, मोबाइल पर बिजी था। बाद में जब बच्चे को देखा गया तो उसके शरीर से धुआं निकल रहा था। एक दिन के बच्चे का चेस्ट, पीठ, पेट जल गए थे। बच्चे का चेहरा पीला पड़ गया था, उसकी मौत हो चुकी थी।

बच्चे के माता-पिता का आरोप है कि बच्चे की देखरेख में लापरवाही हुई। इसी लापरवाही ने उनके बच्चे की जान ली। अस्पताल के स्टाफ ने कहा कि गलती हो गई। सीएमएस ने कहा कि जांच के बाद कार्रवाई होगी। परिवार ने अस्पताल में हंगामा किया तो अस्पताल ने माफी मांगी। पीड़ित परिवार ने पुलिस में शिकायत की है और पुलिस जांच कर रही है। पिता का आरोप है कि बच्चे के पैदा होने के वक्त भी स्टाफ ने 4000 रुपए लिए थे। उसके बाद भी पैसों की डिमांड करते रहे लेकिन काम के वक्त काम पर ध्यान नहीं।

आप जानते हैं इलाज के दौरान लापरवाही से देश में हर साल कितने लोग मरते हैं? हर साल 50 लाख लोग मेडिकल नेगलिजेंस की भेंट चढ़ जाते हैं। हावर्ड यूनिवर्सिटी की स्टडी में ये बात सामने आई है। ये उस देश का हाल है जहां हर दिन 2000 नवजात बच्चों की मौत होती है। हर साल 7 लाख नवजात बच्चों की मौत हो जाती है।

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