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Sawal Public Ka : क्या हेट स्पीच से निपटने के लिए कड़े कानून बनाए जाएं ? 

Updated Jun 09, 2022 | 21:21 IST

Sawal Public Ka : देश में हेट स्पीच के मामले में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने नूपुर शर्मा, असदुद्दीन ओवैसी समेत 31 लोगों पर एफआईआर दर्ज किए हैं। पब्लिक सवाल पूछ रही है कि क्या दिल्ली पुलिस की FIR हेट स्पीच के खात्मे में आखिरी कील साबित होगी ? 

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मुख्य बातें
  • भड़काने वालों का चुन-चुनकर हिसाब बराबर ? 
  • पहली किस्त तैयार, फाइनल लिस्ट में कौन-कौन?
  • हेट स्पीच की FIR पर ओवैसी का विक्टिम कार्ड?

Sawal Public Ka : देश में हेट स्पीच के मामले में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने 2 FIR दर्ज की है। एक FIR में निलंबित BJP नेता नूपुर शर्मा का नाम है। तो दूसरी FIR में AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी समेत 31 नाम दर्ज हैं। इस दूसरी FIR में लिखा है कि नवीन जिंदल के ट्वीट की एनालिसिस की गई। एनालिसिस के बाद अन्य लोगों के बयान भी शत्रुता फैलाने वाले पाए गए। नवीन जिंदल दिल्ली बीजेपी के नेता थे। और उन्हें पार्टी पहले ही निकाल चुकी है। लेकिन दिल्ली पुलिस की FIR के बाद ओवैसी ने कहा कि दिल्ली पुलिस पक्षपातवाद और संतुलनवाद के सिंड्रोम से ग्रसित है। एक पक्ष ने खुले तौर पर पैगंबर साहब का अपमान किया जबकि दूसरे पक्ष को बीजेपी समर्थकों को शांत करने के लिए नामजद किया गया। और ये कोशिश की गई कि दोनों पक्षों से हेट स्पीच की गई। पब्लिक सवाल पूछ रही है कि क्या हेट स्पीच की FIR पर ओवैसी का ये विक्टिम कार्ड है? और क्या हेट स्पीच पर अब पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने हंटर चला दिया है? क्या समय आ गया है कि हेट स्पीच से निपटने के लिए कड़े कानून बनाए जाएं ? 

किसी भी धर्म के इष्ट का अपमान नहीं किया जा सकता। बीते दिनों पैगंबर साहब के खिलाफ बयानबाजी पर तीखी प्रतिक्रिया हुई। लेकिन अगर आप सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं, तो आपने जरूर देखा होगा कि किस तरह ज्ञानवापी में मिली काली गोलाकार आकृति जिसे हिंदू पक्ष शिवलिंग बता रहा है, उन पर मीम्स बनाए गए। भड़काऊ बयान दिए गए। उन्हें Times Now नवभारत के मंच पर नहीं दिखाना चाहते हैं। लेकिन हेट स्पीच पर दिल्ली पुलिस की FIR के बाद राजनीतिक पारा बढ़ गया है। असदुद्दीन ओवैसी खुद पर FIR को नाइंसाफी तो कह ही रहे, उन्होंने बीजेपी की राजनीति को कटघरे में खड़ा करने की भी कोशिश की है।

ओवैसी ने अपने ट्वीट में ये भी लिखा है कि हिंदुत्व संगठनों की संस्कृति है कि हेट स्पीच और कट्टरता को प्रमोशन देते हैं। जैसे योगी को लोकसभा सीट और मुख्यमंत्री पद दिया गया। ओवैसी अपने आरोपों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक को घसीट रहे हैं। खुद को हिंदुत्व की राजनीति का विक्टिम बताने वाले दानिश कुरैशी ने भी रिएक्शन दिया है। दानिश का नाम FIR में 17वें नंबर पर है।

दिल्ली पुलिस की FIR पर आपने ओवैसी और दानिश कुरैशी का रिएक्शन देखा। अभी अन्य लोग प्रतिक्रिया नहीं दे रहे। दिल्ली पुलिस भी अपने बयान में बेहद सावधानी बरत रही है। उसने भी केस पर ज्यादा खुलासा नहीं किया है। सुनिए, दिल्ली पुलिस की PRO सुमन नालवा क्या कह रही हैं।

सवाल पब्लिक का

1. क्या दिल्ली पुलिस की FIR हेट स्पीच के खात्मे में आखिरी कील साबित होगी ? 

2. क्या FIR में नाम आने पर ओवैसी और दूसरे लोग विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं?

3. क्या अब तक हेट स्पीच पर एकतरफा नैरेटिव चलाया जा रहा था?

4. क्या समय आ गया है कि हेट स्पीच से निपटने के लिए कड़े कानून बनाए जाएं ? 

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