'सवाल पब्लिक का' शो में बात हुई पश्चिम बंगाल हिंसा पर कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले की। पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर कोलकाता हाई कोर्ट ने बहुत बड़ी-बड़ी बातें कही हैं। कोर्ट में चीफ जस्टिस सहित पांच जजों ने एक साथ जजमेंट दिया और कहा कि हां सारी परिस्थितियां ऐसे हैं कि सीबीआई को जांच बिल्कुल देनी चाहिए। जजमेंट की कॉपी 124 पेज की है। हमने-हमारी टीम ने पूरे जजमेंट को पढ़ा और उसमें से हमने 10 प्वाइंटर्स निकाले हैं। और उसे कोर्ट की कानूनी भाषा से अलग बोलचाल की भाषा में आपके सामने रखा। जरा देखिए..क्या-क्या और कैसी-कैसी बातें कलकत्ता हाईकोर्ट ने चुनाव बाद की बंगाल हिंसा को लेकर कही हैं-
- मर्डर और महिलाओं से दुर्व्यवहार की जांच CBI करेगी
- सभी संस्थाएं अपनी जांच रिपोर्ट CBI को सौंपें
- ये पूरी जांच कोर्ट की निगरानी में होगी
- सुमन बाला साहू, सोमेन मित्रा और रणवीर कुमार SIT को लीड करेंगे
- जांच में सम्मिलित सभी अधिकारी पश्चिम बंगाल कैडर के होंगे
- ये पूरी जांच कोर्ट की निगरानी में होगी
- SIT टीम के काम की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज देखेंगे
- डिप्टी पुलिस कमिश्नर राशिद मुनीर खान पर टिप्पणी
- अभिजीत सरकार की हत्या पर की गई टिप्पणी
- पीड़ितों को मुआवजा देने की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाए
- CBI और SIT अपनी जांच रिपोर्ट 6 हफ्तों में सौंपे
- अपराध रोकना राज्य की जिम्मेदारी है
बंगाल हिंसा पर HC ने ममता सरकार को 'धो' दिया
1. जांच कमेटी ( SC) और बंगाल DGP की तरफ से रखे मामले में 60% का अंतर
2. 3384 मामलों में से 1000 पर राज्य ने कोई एक्शन ही नहीं लिया
3. रेप, लूट जैसे कई मामले में SHO स्पॉट पर भी नहीं गए
4. राज्य ने रेप- मर्डर जैसी क्रूर घटना का भी संज्ञान ठीक से लेना उचित नहीं समझा
5. कमेटी को 1979 केस की शिकायतें मिलीं, जिसमें पीड़ितों की संख्या 15000 है
6. 2 मई 2021 से 5 मई 2021 तक 892 घटनाएं सामने आईं
7. राज्य सरकार की एजेंसियों ने manipulated जांच की, लोगों का भरोसा तोड़ा
8. लोगों के साथ जो हुआ कोर्ट उसे मूकदर्शक की तरह नहीं देख सकता
9 . इलेक्शन कमीशन की जिम्मेदारी को भी अनदेखा नहीं कर सकते
10. सरकारी अस्पताल में पोस्टमॉर्टम भी ठीक से नहीं हुआ..परिजन को विश्वास नहीं
अब सवाल पब्लिक का है
1. चुनावी बदले की आग में वोटर को क्यों जलाया?
2. 2024 की प्लानिंग कर रही दीदी को क्या HC ने झटका दिया?
3. बंगाल हिंसा की CBI जांच..कहां तक आंच?