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Exclusive : करौली दंगे का पूरा सच! दंगाई हिंसा करते रहे, हाथ पर हाथ धरे देखती रही पुलिस 

Updated Apr 05, 2022 | 15:14 IST

राजस्थान के करोली हिंसा मामले में अब छन छन कर जानकारी सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि पुलिस हंगामे को रोक सकती थी लेकिन वो हाथ पर हाथ धरे देखती रही।

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मुख्य बातें
  • नव संवत्सर मनाने के दौरान करौली में हुई थी हिंसा
  • राजस्थान पुलिस पर लापरवाही का है आरोप
  • अशोक गहलोत सरकार बीजेपी पूरी तरह से हमलावर

राजस्थान के करौली में गत शनिवार को हुए दंगे का मुख्य आरोपी अभी पकड़ से बाहर है लेकिन इस उपद्रव एवं हिंसा का एक वीडियो टाइम्स नाउ नवभारत के हाथ लगा है। इस वीडियो से साफ जाहिर है कि दंगे के समय स्थानीय पुलिस वहां मौजूद थी लेकिन उसने उपद्रवियों को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। वहां पर हिंसा होती रही और वह मूकदर्शक बनकर देखती रही। यह वीडियो पुलिस की भूमिका एवं निष्ठा पर सवाल खड़े करता है। यह वीडियो सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गहलोत सरकार एवं कांग्रेस पर हमला तेज कर दिया है। निर्दलीय पार्षद मतलूब अहमद को इस दंगे का मुख्य साजिशकर्ता बताया जा रहा है जो कि अभी फरार है। पुलिस का कहना है कि उसने इह उपद्रव मामले में अब तक 25 से 30 लोगों को गिरफ्तार किया है। 

गहलोत सरकार पर लापरवाही के आरोप
पीएफआई ने अपने पत्र में इस तरह की हिंसा की आशंका जताई थी लेकिन इसे रोकने के लिए गहलोत सरकार ने कदम नहीं उठाए। वीडियो में साफ नजर आया है कि लोग हाथों में डंडा और हथियार लेकर गलियों में दौड़ते रहे लेकिन वहां मौजूद पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए कोई कार्रवराई नहीं की। वह हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। 

'कांग्रेस का हाथ दंगाइयों के साथ'
इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि 'कांग्रेस का हाथ दंगाइयों एवं उपद्रवियों के साथ है।इस हिंसा में कांग्रेस की मिलीभगत है। पुलिस अभी मुख्य आरोपी को पकड़ नहीं पाई है। पुलिस के सामने हिंसा हो रही है लेकिन वह उन्हें रोक नहीं रही है। यह दंगा एक प्रयोग था।'

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'सीएम की पहली पसंद पीएफआई'
टाइम्स नाउ नवभारत के खुलासे पर राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष  डॉक्टर सतीश पूनिया ने कहा- 'PFI की चिट्ठी के बाद ये पता लग गया है कि सीएम की पहली चॉइस PFI है. अपनी नाकामी छिपाने के लिए वो बीजेपी पर आरोप लगा रहे हैं।' वहीं, राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि पुलिस ने दंगाइयों को खुला छोड़ रखा था। राजस्थान में कहीं कानून का शासन नहीं दिखता।

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