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लखनऊ के लुलु मॉल में सचमुच मस्जिद है, किसके इशारे पर लोग मॉल में पढ़ रहे हैं नमाज? 

Updated Jul 15, 2022 | 20:44 IST

Logtantra : करोड़ों की लागत से तैयार लखनऊ का लुलु मॉल में धर्म का विषय ऐसा हो गया है। आखिर वो लोग कौन हैं जो नमाज पढ़ने के लिए मॉल के एक निश्चित जगह पर पहुंच रहे हैं। जब विवाद बिल्कुल अपने चरम पर है तो अब लुलु मॉल की तरफ से मॉल के कई हिस्सों में बकाएदा नोटिस लगा दिया गया है। और लिखा गया है कि इस जगह पर किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि नहीं होगी।

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मुख्य बातें
  • लखनऊ के लुलु मॉल में नमाज पढ़ने वाले लोग कौन हैं?
  • मॉल प्रशासन को इसके बारे में खबर क्यों नहीं है? 
  • मॉल में नमाज Vs सुंदरकांड पाठ होगा ?

Logtantra : अब बात लखनऊ के उस मॉल की, जिसमें धर्म को लेकर बवाल लगातार दूसरे दिन भी जारी है। जिस मॉल में लोगों को खरीददारी करने आते हैं, जिस मॉल में लोग फिल्म देखने, घूमने आते हैं। मॉल के रेस्टोरेंट में खाने आते हैं। उस मॉल में धर्म को लेकर लड़ाई चल रही है। एक हफ्ते के भीतर दूसरी बार मॉल में नमाज पढ़ने की तस्वीर वायरल हुई। उसके बाद से नमाज के बदले हनुमान चालीसा या सुंदरकांड पाठ की बात कही जा रही है। नमाज जिस जगह पर पढ़ी जा रही है, उसके सामने की आकृति को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। करोड़ों की लागत से तैयार मॉल में धर्म का विषय ऐसा हो गया है कि अब एफआईआर भी दर्ज हो गई है। लेकिन अभी तक ये पता नहीं चल रहा है कि आखिर वो लोग कौन हैं जो नमाज पढ़ने के लिए मॉल के एक निश्चित जगह पर पहुंच रहे हैं। 

जब विवाद बिल्कुल अपने चरम पर है तो अब लुलु मॉल की तरफ से मॉल के कई हिस्सों में बकाएदा नोटिस लगा दिया गया है। और लिखा गया है कि इस जगह पर किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि नहीं होगी। लुलु मॉल के प्रशासन ने बकाएदा नोटिस लगाया है और उस पर लिखा गया है कि मॉल में किसी भी धार्मिक प्रार्थना की अनुमति नहीं है। चार दिन और दो वीडियो, दोनों ही वीडियो में नमाज पढ़ते हुए लोग। और उसी पर जारी घमासान। घमासान भी ऐसा कि धर्म के धुरंधरों ने नमाज Vs हनुमान चालीसा या सुंदरकांड पाठ शुरू करने का ऐलान कर दिया है। 

हिंदू संगठनों की आपत्ति इस बात को लेकर है कि..जब मॉल में ना तो कोई प्रेयर रुम है। ना ही इस तरह की कोई व्यवस्था है तो फिर ये नमाज पढ़ने वाले लोग बार-बार लुलु मॉल के तीसरे हिस्से को ही क्यों चुनते हैं। और क्यों बार-बार उसी हिस्से में नमाज पढ़ी जा रही है। 

जब नमाज पढ़ने का पहला वीडियो वायरल हुआ था। उस वक्त भी मॉल प्रशासन ने इसमें अपने किसी स्टाफ के शामिल होने की बात से इंकार किया था। फिर ये सवाल इसलिए अहम है कि बाहर से आने वाले लोग एक निश्चित जगह पर ही जाकर बार-बार नमाज क्यों पढ़ रहे हैं? मॉल के दूसरे हिस्से से उस जगह को देखिए। जहां बार-बार नमाज पढ़ी जा रही है। ये वही आकृति है, जहां  चार दिन में दो बार ऐसा मौका आया जब लोग नमाज पढ़ते दिखे। हालांकि जब से इस मामले ने तूल पकड़ा है। उसके बाद से मॉल ने अपनी तरफ से एक पहल की ..और उसी जगह पर टेबल और कुर्सियां लगा दी है। शायद ये एक कोशिश हो कि इस विवाद को हवा ना मिले। नमाज पढ़े जाने को लेकर विवाद जैसे ही बढ़ने लगी थी। वैसे ही हिंदू संगठनों ने भी पुलिस में शिकायत की थी। और अब तो खुद लुलु मॉल प्रशासन की ओर से एफआईआर दर्ज करा दी गई है। 

चुकि सार्वजनिक स्थानों पर पूजा-पाठ या नमाज़ अदा करने पर पाबंदी है..ऐसे में मॉल में नमाज पढ़ने का विवाद बढ़ता रहा तो..इससे नुकसान सिर्फ लुलु मॉल को ही होगा। क्योंकि जिस मॉल की लागत करीब 2 हजार करोड़ रुपये हो..और उस मॉल में दो बार धर्म के नाम पर विवाद खड़ा हो चुका है। उससे आने वाले वक्त में मॉल की आमदनी पर असर पड़ सकता है। 

अब बात राजस्थान के कोटा की ।लखनऊ के एक मॉल में धर्मयुद्ध छिड़ा है तो..कोटा में एक स्कूल की किताब पर बड़ी बहस शुरू हो गई है। दरअसल, क्लास टू के बच्चों की एक किताब में..बच्चों को समझाने के लिए MOTHER की जगह अम्मी और FATHER की जगह अब्बा लिखा गया है। छात्रों के गार्जियन का आरोप है कि..बच्चे स्कूल से लौटकर बिरयानी की मांग कर रहे हैं। अब इस पूरे मसले पर बवाल मचा हुआ है। लेकिन सवाल ये है कि...धर्म के नाम पर बवाल मचाने वाले अब स्कूल को भी नहीं छोड़ेंगे। 
 

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