नई दिल्ली: उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार सुबह आई आपता के बाद से अभी तक राहत एवं बचाव का कार्य जारी है। अभी तक 32 शव बरामद हुए हैं, जबकि 197 लोग अभी भी लापता हैं। तपोवन परियोजना की सुरंग के अंदर भारी गाद होने के कारण वहां फंसे 30-35 लोगों को बचाने की मुहिम की गति कुछ धीमी हो गई है, लेकिन बचाव अभियान जारी है।
न्यूज एजेंसी 'भाषा' की खबर के अनुसार, एनटीपीसी के 520 मेगावाट तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की इस घुमावदार सुरंग में बचाव कार्य उस समय धीमा पड़ गया, जब अंदर से भारी मात्रा में गाद निकलने लगी और आगे जाना मुश्किल हो गया। बचाव अभियान में लगे अधिकारियों ने बताया कि सुरंग का डिजाइन जटिल है, जिसे समझने के लिए एनटीपीसी के अधिकारियों से संपर्क साधा गया है। वहीं, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि सुरंग में फंसे लोगों का जीवन बचाने के लिए हर मुमकिन प्रयास करेंगे। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि एक विशेष कैमरे से सुरंग में फंसे लोगों का पता लगाने का प्रयास भी किया जाएगा।
ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल
ऋषिगंगा घाटी में पहाड़ से गिरी लाखों मीट्रिक टन बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक आई बाढ़ के बाद से सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) के जवान लगातार बचाव और राहत अभियान में जुटे हुए हैं। ITBP ने जानकारी दी कि आईटीबीपी, NDRF, SDRF और अन्य एजेंसियों की एक संयुक्त टीम ने सुरंग में प्रवेश किया (मलबे को साफ किया जा रहा है)। ड्रोन कैमरा सुरंग के अंदर साफ की गई जगह से परे प्रवेश करने की व्यवहार्यता को देखता था।
इस नंबर पर करें संपर्क
वहीं उत्तराखंड पुलिस ने जानकारी दी कि 197 लोग लापता हैं। विभिन्न स्थानों से अब तक 32 शव बरामद किए गए हैं, इनमें से 8 की पहचान की गई है। जो किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं, जो गायब है, वो DIG लॉ एंड ऑर्डर से +91 7500016666 पर संपर्क कर सकते हैं। उन्हें WhatsApp पर 24 शवों की तस्वीरें भेजी जाएंगी जिनकी पहचान अभी तक की जा रही है।
अमित शाह ने संसद में दी जानकारी
इस आपदा से दो जगह नुकसान हुआ है। एक ऋषिगंगा जो कि जल विद्युत परियोजना है वह तो पूरी तरह नष्ट हो गया है और दूसरी तपोवन परियोजना है। वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने हिमस्खलन की घटना पर संसद में बयान दिया, जिसमें बताया गया, 'एनटीपीसी परियोजना के 12 व्यक्तियों को एक टनल के अंदर से सुरक्षित बचा लिया गया है। ऋषि गंगा परियोजना के भी 15 व्यक्तियों को सुरक्षित बचा लिया गया है। एनटीपीसी परियोजना की एक दूसरी टनल में लगभग 25 से 35 लोगों के फंसे होने का अनुमान लगाया जा रहा है । इस टनल में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने हेतु बचाव अभियान युद्ध स्तर पर जारी है साथ ही साथ लापता व्यक्तियों को ढूंढ़ने का कार्य भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।'
उन्होंने आगे बताया कि आइटीबीपी ने अपना कंट्रोल रूम स्थापित किया है और उनके 450 जवान, सभी जरूरी साजो सामान के साथ, घटनास्थल पर राहत और बचाव अभियान में लगे हुए हैं।
एनडीआरएफ की 5 टीम घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं और राहत और बचाव अभियान में लगे हुए हैं। आर्मी की आठ टीमें, जिसमें एक ईटीएफ (Engineering Task Force) भी शामिल है, घटनास्थल पर बचाव कार्य कर रही है। एक मेडिकल कॉलम और दो एंबुलेंस भी घटनास्थल पर तैनात है। नेवी की एक गोताखोर टीम भी घटनास्थल पर बचाव कार्य के लिए पहुंच चुकी है। एयरफोर्स के 5 हेलीकॉप्टरों को भी इस कार्य में लगाया गया है। जोशीमठ में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।