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Jaipur में पुलिस के हत्थे चढ़े 'नटवरलाल', इस तरह ठगी को देते थे अंजाम

Updated Aug 03, 2022 | 20:04 IST

Jaipur Fraud Case: दोनों शातिर साइबर ठग जरूरतमंद लोगों को जयपुर में नौकरी दिलाने के नाम पर बुलाते थे। लोगों के लिए गए दस्तावेजों के आधार पर बैंक अकाउंट खुलवाते व सिमकार्ड खरीदने के बाद लोगों का अपनी ठगी का शिकार बनाते थे।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
जयपुर में 2 ठग गिरफ्तार, ऐसे करते थे ठगी
मुख्य बातें
  • साइबर ठग लोगों को जयपुर में नौकरी दिलाने के नाम पर बुलाते थे
  • दोनों बदमाश कई राज्यों में अपने नेटवर्क के जरिए ठगी की वारदातें कर चुके हैं
  • लोगों से ठगी के जरिए करोड़ों की कमाई कर चुके

Jaipur Fraud Case: राजधानी जयपुर की सांगानेर पुलिस ने दो शातिर बदमाशों को लोगों के साथ ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस अरोपियों से पूछताछ में हुए खुलासे के बाद इनके कारनामे जान दंग रह गई। जयपुर कमिश्ररेट के डीसीपी पूर्व राजीव पचार ने बताया कि दोनों शातिर साइबर ठग जरूरतमंद लोगों को जयपुर में नौकरी दिलाने के नाम पर बुलाते थे। इसके बाद उनके दस्तावेज लेकर कुछ दिन जयपुर में ठहराने के  बाद उन्हे वापस अपने ठिकाने पर भेज दिया करते थे। इसके बाद बदमाशों की ठगी का खेल शुरू होता था।

आरोपी नौकरी के नाम पर लोगों के लिए गए दस्तावेजों के आधार पर  बैंक अकाउंट खुलवाते व सिमकार्ड खरीदने के बाद प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों के लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाते थे। डीसीपी पचार ने बताया कि सूबे के जामताड़ा और मेवात इलाकों में फैले ठगों की गैंग नेटवर्क की तर्ज पर ये दोनों बदमाश भी कई अन्य राज्यों में अपने नेटवर्क के जरिए ठगी की वारदातें कर चुके हैं।

यूं आए पकड़ में 

डीसीपी राजीव पचार ने बताया कि बदमाश रामराज के खिलाफ ठगी के शिकार हुए करौली निवासी राजाराम गुर्जर ने सांगानेर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें पीड़ित ने आरोप लगाया था कि, रामराज ने जयपुर में 20 हजार की जॉब लगवाने के नाम पर उससे कई दस्तावेज लिए थे। आरोपी ने पीड़ित के कागजात का दुरुपयोग कर बैंक अकाउंट खोला।  इस अकाउंट के जरिए लाखों रुपए का लेनदेन चल रहा था। इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने साइबर सेल की मदद से सांगानेर में स्थित शिवम सैन (20) निवासी सांगानेर व रामराज गुर्जर (28) निवासी करौली को गिरफ्तार कर लिया। डीसीपी के मुताबिक आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह पढ़े लिखे बेरोजगार नौजवानों को नौकरी का झांसा देकर जयपुर बुलाते हैं। इसके बाद उनसे लिए गए दस्तावेजों का इस्तेमाल कर ठगी की वारदातें करते हैं।  

अनपढ़ मगर दिमाग शातिर

डीसीपी पचार ने बताया कि, पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि वह खुद पढ़े-लिखे नहीं हैं। इसलिए उन्हें मालूम था कि जयपुर जैसे शहर में 20 हजार रुपए कमाने की चाहत में गांव का बेरोजगार युवक कुछ भी कर सकता हैं। इसके लिए वे अपने शातिर दिमाग का इस्तेमाल कर गांवों में बेरोजगार शिक्षित युवाओं को अपनी ठगी का शिकार बनाते थे। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि, उन्हें खुद पता नहीं है कि वे अब तक कितने लोगों को ठग चुके हैं। दोनों बदमाशों ने बताया कि पंजाब सहित यूपी, हरियाणा,चंडीगढ़ व मध्यप्रदेश के लोगों से ठगी के जरिए करोड़ों की कमाई कर चुके हैं। 

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