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Jaipur News: जयपुर में कचरे का डेली कलेक्शन एक महीने तक रहेगा प्रभावित, जानिए नगर निगम ग्रेटर ने क्या बताई वजह

Updated Jun 19, 2022 | 13:04 IST

Jaipur Garbage collection News: जयपुर नगर निगम ग्रेटर के एरिया में जो कंपनी कचरा कलेक्शन करती थी उसके साथ निगम का अनुबंध समाप्त हो रहा है। दूसरी कंपनी को टेंडर देने के प्रोसेस में लगभग एक महीने का समय लगेगा। जयपुर के लोगों के यहां से तब प्रतिदिन कचरा कलेक्शन नहीं हो पाएगा, इससे लोगों की परेशानी बढ़ेगी।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
जयपुर में एक महीने डेली नहीं हो सकेगा कचरा कलेक्शन
मुख्य बातें
  • नगर निगम ग्रेटर और कचरा कलेक्शन करने वाली कंपनी के बीच कॉन्ट्रेक्ट हो रहा खत्म
  • मानसरोवर, सांगानेर, और मालवीय नगर जोन एरिया में कचरे के ढेर से बढ़ेगी परेशानी
  • नए टेंडर की प्रक्रिया में लग सकता हैं एक महीने से ज्यादा का समय

Jaipur Municipal Corporation Greater: राजधानी जयपुर में अगले सप्ताह से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम डवांडोल हो सकता है। जनता को ये परेशानी अगले 1 महीने तक या उससे भी ज्यादा समय तक झेलनी पड़ सकती है। बता दें कि, नगर निगम प्रशासन अगले सप्ताह से बीवीजी कंपनी का कॉन्ट्रेक्ट रद्द कर रहा है। ये कंपनी अभी नगर निगम ग्रेटर क्षेत्र के मानसरोवर, सांगानेर, और मालवीय नगर जोन क्षेत्र में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम कर रही है। इन एरिया में 50 से ज्यादा वार्ड आते हैं। इसके अलावा 100 वार्ड में नगर निगम पहले से खुद काम कर रहा है।

जानकारी के लिए बता दें कि, नगर निगम अपने स्तर पर पूरे ग्रेटर एरिया के 150 वार्डो में कचरा कलेक्शन का काम करवाएगा। इसमें जगतपुरा, मुरलीपुरा, विद्याधर नगर और झोटवाड़ा जोन भी शामिल हैं। जानकारों की मानें तो अभी निगम के पास खुद के केवल 113 हूपर ही मौजूद हैं। करीब 100 हूपर किराए पर लिए गए हैं। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन नहीं होने से रोड पर फिर से कचरे के ढेर दिखने की संभावना है। जबकी प्रशासन ने शहर में ओपन कचरा डिपो और कंटेनर डिपो को लगभग समाप्त ही कर दिया था।

दूसरी कंपनी को काम शुरू करने में लगेगा एक महीने

जानकारी के लिए बता दें, जयपुर नगर निगम ने सभी जोन में कचरा कलेक्शन का काम करवाने के लिए अप्रैल में टेंडर जारी किया था। इसमें 5 कंपनियों ने हिस्सा लिया, लेकिन एक ही ऐसी कंपनी है जो टेक्नीकल बिड क्वालिफाई कर सकी है। अभी फाइनेंशियल बिड खुलना बाकी है। सूत्रों का कहना है कि, कंपनी को अगर काम भी दिया जाता है तो उसे वर्क ऑर्डर लेने से लेकर काम शुरू करने तक एक महीने का समय लग जाएगा। दूसरी कंपनी को हूपर लाने, कचरा कलेक्शन करवाने के अलावा घर-घर कचरा कलेक्शन की मॉनिटरिंग के लिए रेडिया फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन सिस्टम का भी इंतजाम करना बाकी है।

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