- रोबोटिक टक्नोलॉजी से होगी सीवर की सफाई
- प्रयोग सफल होने पर अन्य नगर निकायों में शुरू होगी व्यवस्था
- सफाई कर्मचारियों को सीवर के दूषित पानी से होना होगा दो चार
Jaipur News: राजधानी जयपुर में सफाई कर्मचारियों और मशीनों के बाद अब सीवर सफाई के लिए रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी को अपना लिया गया है। बता दें कि, प्रदेश में पहली बार ग्रेटर नगर निगम रोबोटिक मशीन से सफाई करने का काम करने जा रहा है। शहर की सफाई व्यवस्था को हाईटेक बनाने के क्रम में यह बड़ा कदम उठाया जा रहा है। बता दें कि यह प्रयोग सफल रहता है तो ग्रेटर नगर निगम और भी रोबोट खरीद लेगा। इस रोबोटिक टेक्नोलॉजी के सफल होने पर दूसरे नगरीय निकाय भी इसे अपना लेंगे।
बता दें कि तमाम कानूनी प्रावधानों के बाद भी सफाई कर्मचारियों को अब तक सीवर चेंबर में उतर कर काम करना पड़ रहा है। जिसमें जहरीली गैसेज, गंदा व दूषित पानी में दम घुटने की वजह से सफाई कर्मचारियों की जान भी चली जाती है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए निगम सीवरेज सफाई के काम के लिए अब रोबोटिक मशीनों का प्रयोग करने जा रहा है।
ऐसे काम करेगा मेड इन इंडिया रोबोट
मिली जानकारी के अनुसार ग्रेटर निगम प्रशासन ने सीवरेज सफाई व्यवस्था को और हाईटेक करने के नजरिए से एक रोबोटिक मशीन खरीद ली है। ग्रेटर निगम आयुक्त महेंद्र सोनी ने बताया है कि, बैंडीकूट रोबोट के जरिए सीवर सफाई कार्य किया जाएगा। केरल के युवाओं ने रोबोटिक मशीन को तैयार किया है। जिसे विभिन्न बटन से कंट्रोल और ऑपरेट करने में आसानी होगी। बता दें कि इसमें एक कैमरा लगाया गया है जिसके माध्यम से स्क्रीन पर देखकर आसानी से सफाई की जा सकती है। सीवर इंस्पेक्शन कैमरा, पावर बकेट मशीन और पावर रोडिंग ऑपरेटर्स का काम ये एक अकेला रोबोट करने में सक्षम है। यह मशीन 39.52 लाख रुपए की है।
प्रयोग सफल होने पर खरीदी जाएंगी और मशीनें
बता दें कि यह रोबोट बैंडीकूट न्यूमैटिक पावर से लैस है। 50 किलोग्राम भार वाली इस रोबोट मशीन में मलबे को ग्रैब करने के लिए रोबोटिक आर्म्स लगे हैं जो 360 डिग्री तक घूमते हुए कचरे की साफ कर सकते हैं। महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने बताया है कि, बैंडीकूट रोबोट सीवर में फंसे कचरे को आसानी से निकालने में पूरी तरह सक्षम है। अगर सीवर में कोई पत्थर या ईट भी हो तो ये रोबोट उसे भी निकालने में समर्थ है। यह प्रयोग सफल होने के बाद कई रोबोट मशीनों को खरीदा जाएगा। इस मशीन के संचालन और रखरखाव के लिए एक लाख दस हजार रुपए प्रति माह का अनुबंध किए गए है।