- फर्जी साइन करते और लोन उठाकर हो जाते फरार
- एक, दो नहीं छह धोखाधड़ी के मामले हैं दर्ज
- पुलिस ने टीम गठित कर आरोपियों को पकड़ा
Jaipur Crime: सालों से आप जिस घर में परिवार सहित रह रहे हैं, सालों से खुद की इच्छाएं मार—मार कर किश्तें चुका रहे हैं। उसी घर को अचानक बैंक वाले सील करने आ जाएं तो हालत समझी जा सकती है। ऐसा ही सदमा लगा जयपुर के विश्वकर्मा क्षेत्र में रहने वाले राजेंद्र सिंह को। हालांकि उन्होंने खुद को संभाला और तुरंत पुलिस में मामला दर्ज करवाया। जिसके बाद फर्जीवाड़ा करने वाली एक पूरी गैंग का खुलासा हो गया।
जयपुर जिला पश्चिम की पुलिस उपायुक्त ऋचा तोमर ने बताया कि, 27 नंवबर, 2021 में पीड़ित राजेंद्र सिंह ने धोखाधड़ी के संबंध में विश्वकर्मा पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया था। राजेंद्र का आरोप था कि, किसी ने फर्जी साइन करके होम लोन फाइनेंस कंपनी से लाखों का लोन ले लिया और अब कंपनी वाले गलत तरीके से उसका मकान जब्त करने की कार्रवाई कर रहे हैं।
1981 से इसी मकान में रह रहा है परिवार
राजेंद्र ने बताया कि, उसने साल 1981 में जल महल हाउसिंग कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड जयपुर के जरिए आवंटन पत्र द्वारा विश्वकर्मा रोड नंबर 17 पर प्लॉट संख्या 64 खरीदा था। तभी से राजेंद्र अपने परिवार के साथ यहां मकान बनाकर रह रहा है। इतना ही नहीं मकान बनाने के लिए उसने सरकारी बैंक से लोन भी ले रखा है, जिसकी किश्तें नियमित रूप से चुकाईं। इसी बीच 27 नंबर, 2021 में एक होम लोन फाइनेंस कंपनी के पदाधिकारी राजेंद्र के घर पहुंचे और मकान जब्त करने की कार्रवाई करने लगे। जब राजेंद्र ने कारण पूछा तो पदाधिकारियों ने बताया कि उनके इस मकान पर प्रदीप सिंह और महावीर सिंह ने लोन ले रखा है। लेकिन आजतक एक भी किश्त नहीं चुकाई गई है। जिसके बाद राजेंद्र ने विश्वकर्मा थाने में होम लोन फाइनेंस कंपनी के पदाधिकारियों और प्रदीप व महावीर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करवाया।
टीम का गठन कर पकड़ा
आईपीएस तोमर ने बताया कि, जांच में सामने आया कि, महावीर ने लोन में बेटे प्रदीप और पत्नी लक्ष्मी कंवर को कोएप्लीकेंट बना रखा था। आरोपियों की तलाश के लिए टीम का गठन कर प्रदीप और महावीर के बारे में छानबीन की गई। पता चला कि दोनों झुंझुनूं में रहते हैं। जिसके बाद टीम ने वहां जाकर महावीर सिंह और उसकी पत्नी लक्ष्मी कंवर को गिरफ्तार कर लिया।
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
पुलिस ने बताया कि, जांच में सामने आया कि, महावीर फर्जी हस्ताक्षर करने में माहिर है। उसने महल हाउसिंग को ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड जयपुर के फर्जी आवंटन पत्र तैयार करवा रखे थे। वह इनपर किसी भी भूखंड की संख्या लिखकर समिति के पदाधिकारियों के फर्जी साइन कर लेता था। ऐसे ही उसने कई प्लॉट अपने परिजनों के नाम कर रखे थे। इन्हीं कागजों के आधार पर वह होम लोन फाइनेंस कंपनी से लोन लेता और उनकी एक भी किश्त का भुगतान नहीं करता था। उसके खिलाफ धोखाधड़ी के छह अन्य मामले दर्ज हैं।