- यह फेस्टिवल संवाद और कला के माध्यम से जागरूकता उत्पन्न करने का काम करेगा
- 2 अप्रैल शाम 6 बजे शुरू होगा कार्यक्रम
- 3 अप्रैल को सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक आम लोगों के देखने के लिए प्रदर्शनी खुलेगी
Jaipur News: सार्वजनिक स्थानों को आकार देने और शहरी अनुभवों में जेंडर की भूमिका पर सवाल करने के लिए जवाहर कला केंद्र (जेकेके) में 2 और 3 अप्रैल को पब्लिक आर्ट फेस्टिवल 'सिटी फॉर ऑल' आयोजित किया जाएगा। विभिन्न वार्तालाप व कार्यशालाओं के माध्यम से छह शहरों का यह प्रोजेक्ट जनता से समावेशी दृष्टिकोण से शहरी केंद्रों के डिजाइन एवं आर्किटेक्चर की पुन: कल्पना करने का आग्रह करेगा। 2 अप्रैल को शाम 6 बजे इस फेस्टिवल का उद्घाटन किया जाएगा और क्यूरेटेड वॉकथ्रू आयोजित किया जाएगा। इसके बाद भारत में फ्रांस की डिप्टी एम्बेसेडर, दाना पुरकारेस्कु और राजस्थान सरकार के अन्य प्रतिनिधि भाषण देंगे।
शाम 7 बजे लोक संगीतकार सुमित्रा देवी और मांगणियार की संगीतमय प्रस्तुति होगी। रात्रि 8 बजे इस कार्यक्रम का समापन होगा। 3 अप्रैल को सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक आम लोगों के देखने के लिए प्रदर्शनी खुली रहेगी तथा इंटरेक्शन व क्यूरेटेड वॉक आयोजित किए जाएंगे और स्कूली बच्चों की विजिट भी होगी। जयपुर के एनजीओ इंडियन वुमन ब्लॉग के स्टूडेंट्स द्वारा जेंडर इन्क्लूशन पर आधारित एक लघु नाटक प्रस्तुत किया जाएगा।
जागरूकता उत्पन्न करने की करेंगे कोशिश
सोशल डिजाइन कोलैबोरेटिव की स्वाति जानू और जॉनर एट विल्ले (जेंडर एंड सोसायटी) की क्रिस ब्लैच द्वारा क्यूरेट किया गया, यह फेस्टिवल संवाद व कला के माध्यम से जागरूकता उत्पन्न करने की कोशिश करेगा। यह फेस्टिवल एंबेसेड डी फ्रांस एन इंडे, इंस्टीट्यूट फ्रांसैस और एलायंस फ्रैंचाइज इंडिया की पहल है। इसका आयोजन विशाखा जयपुर, इंडियन वुमन ब्लॉग, लेडी बेमफोर्ड फाउंडेशन, नीरजा मोदी स्कूल, स्टिरवर्ल्ड और लीवार्डिस्ट्स के सहयोग से किया जा रहा है।
36 क्षेत्रों किया गया दौरा
इसके द्वारा जयपुर, चंडीगढ़, अहमदाबाद, पुणे, बैंगलोर एवं दिल्ली के आसपास के 36 क्षेत्रों का दौरा किया जाएगा, ताकि विभिन्न समुदायों का अपने शहरों के साथ संबंधों का नक्शा तैयार किया जा सके। इसके वार्तालाप के तहत लिंग, पहचान, उम्र व क्षमताओं के साथ-साथ आर्थिक पृष्ठभूमि, वर्ग एवं जाति की स्थानीय विविधता के आधार पर सार्वजनिक स्थानों का उपयोग कैसे किया जाता है, इस पर स्थानीय इतिहास, आख्यान और पैटर्न सामने आएंगे। इन सबके जरिए इस अत्यावश्यक प्रश्न की ओर ध्यान खींचा जाएगा कि 'हमारे शहरों का निर्माण कौन करता है, और किसके लिए किया जाता है'?
क्यूरेटेड वॉक किया जाएगा आयोजित
फ्रांस व भारत के डिजाइन, प्लानिंग व आर्किटेक्चर के छात्रों के बीच होने वाले ऑनलाइन आदान-प्रदान व्यक्तिगत और सामूहिक जेंडर अनुभवों को सामने लाएंगे। अंत में प्रत्येक शहर में लगाई जाने वाली प्रदर्शनी में मानचित्र प्रदर्शित किए जाएंगे और इंटरेक्टिव संवाद, पब्लिक डिबेट, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां व क्यूरेटेड वॉक भी आयोजित किए जाएंगे।