- राजस्थान में पिछले कई दिनों से जारी है राजनीतिक संकट
- गहलोत और सचिन पायलय के बीच की लड़ाई कोर्ट पहुंच गई है
- विधानसभा का सत्र बुलाने पर अड़े हैं मुख्यमंत्री गहलोत
नई दिल्ली : राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र के पास नया प्रस्ताव भेजा है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा का सत्र 31 जुलाई से बुलाए जाने की मांग की है। खास बात यह है कि मुख्यमंत्री ने अपने इस प्रस्ताव में भी फ्लोर टेस्ट कराए जाने की मांग का जिक्र नहीं किया है। जबकि राज्यपाल ने कैबिनेट से सत्र बुलाए जाने की खास वजह बताने के लिए कहा है। इस बीच, विधायक भवंर लाल शर्मा ने हाई कोर्ट का रुख किया है। शर्मा अपने खिलाफ दर्ज मामलों को हटवाना चाहते हैं।
पीसीसी चीफ की जिम्मेदारी संभालेंगे डोटासरा
गोविंद सिंह डोटासरा बुधवार से राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे। कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक समारोह में डोटासरा को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्य में पार्टी के प्रभारी के प्रभारी अविनाश पांड और अन्य पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। कांग्रेस ने बगावती तेवर अपनाने पर सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष एवं डिप्टी सीएम पद से हटा दिया है।
सीएम गहलोत के भाई को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फर्टिलाइजर घोटाला मामले में मुख्यमंत्री गहलोत के भाई को पूछताछ के लिए बुलाया है। ईडी बुधवार को नई दिल्ली में अग्रसेन गहलोत से पूछताछ करेगा। अग्रसेन पर आरोप है कि वह 150 करोड़ रुपए के घोटाले में संलिप्त हैं।
सुप्रीम कोर्ट जाएंगे सीपी जोशी
राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी सुप्रीम कोर्ट में नई विशेष अवकाश याचिका (एसएलपी) दायर करने वाले हैं। जोशी के वकील ने कहा कि पायलट खेमे के 19 विधायकों को जारी अयोग्यता नोटिस मामले में हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी की ओर से नई एसएलपी दायर की जाएगी। जोशी ने गत शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से अपनी अर्जी यह कहते हुए वापस ले ली कि वह नई अर्जी लगाएंगे।
अदालत ने राजस्थान सरकार से मांगा जवाब
राजस्थान उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार से उस याचिका पर जवाब मांगा है जिसमें सहकारी समिति घोटाला मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अन्य के खिलाफ जांच का निर्देश देने वाले निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई है। उच्च न्यायालय ने हालांकि, निचली अदालत के आदेश पर रोक नहीं लगाई है। निचली अदालत ने विशेष अभियान समूह (एसओजी) को 884 करोड़ रुपये के संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले के सिलसिले में शेखावत की भूमिका की जांच का आदेश दिया था।