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Kanpur Violence: 'बुलडोजर चला तो कफन बांधकर उतरेंगे', कानपुर हिंसा मामले पर मौलाना कुद्दुस का भड़काऊ बयान

Updated Jun 07, 2022 | 16:34 IST

Kanpur Violence updates: कानपुर हिंसा मामले में यूपी पुलिस के साथ-साथ जिला प्रशासन भी एक्शन ले रहा है। हिंसाग्रस्त इलाके की अवैध इमारतों की पहचान की गई है। साथ ही उन पेट्रोल पंपों पर भी कार्रवाई की जा रही है जिन्होंने नियमों के खिलाफ जाकर लोगों को बोतल में पेट्रोल दिया है।

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नई दिल्ली: कानपुर हिंसा (Kanpur Violence) मामले में पुलिस एक्शन में है। हिंसा में शामिल उपद्रवियों की पहचान के लिए उसने 40 संदिग्धों के पोस्टर जारी (posters of suspects) किए हैं। इसका असर भी दिखने लगा है। उपद्रवी खुद थाने जाकर सरेंडर करने लगे हैं। पोस्टर लगने के बाद अब तक तीन आरोपियों ने सरेंडर किया है। 

वहीं गिरफ्तारी पर भड़के मौलाना कुद्दुस जो काजी भी हैं, उन्होंने कमिश्नरेट पुलिस से मुलाकात के बाद गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस एक तरफा कार्रवाई कर रही है इससे लोगों में काफी रोष है, उन्होंने कहा कि लोग सिर पर कफन बांध कर निकल पड़े है, उन्होंने कहा कि बेगुनाहों की गिरफ्तारी बदार्शत नहीं की जाएगी।

वहीं अन्य आरोपियों की पहचान के लिए पुलिस लोगों से पूछताछ कर रही है। वहीं, बंद से जुड़े पोस्टर छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस पर कार्रवाई हुई है। पुलिस ने आपत्तिजनक पोस्टर छापने की जानकारी न देने पर रोमा प्रिंटिंग प्रेस के मालिक शंकर को हिरासत में लिया है।  बताया जा रहा है कि हयात कासमी ने इसी प्रेस से बंद से जुड़े पोस्टर छपवाए थे।

कानपुर हिंंसा पर एक और भड़काऊ बयान सामने आाया

कानपुर हिंंसा पर एक और भड़काऊ बयान सामने आया है। Maulana Sajid Rashidi ने कहा है कि 'भगवाधारियों ने नमाज के बाद नमाजियों पर हमला किया था | 

हिंसाग्रस्त इलाके की अवैध इमारतों की पहचान की गई है

कानपुर हिंसा मामले (Kanpur Violence) में यूपी पुलिस के साथ-साथ जिला प्रशासन भी एक्शन ले रहा है। हिंसाग्रस्त इलाके की अवैध इमारतों की पहचान की गई है। साथ ही उन पेट्रोल पंपों पर भी कार्रवाई की जा रही है जिन्होंने नियमों के खिलाफ जाकर लोगों को बोतल में पेट्रोल दिया है। एक पेट्रोल पंप को सील किया गया है। अब तक की जांच में सामने आया है कि संदिग्धों ने हिंसा से पहले बैठक की। प्रदर्शन को व्यापक बनाने के लिए वाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल हुआ। प्रदर्शन से जुड़े 141 चैट ग्रुप सामने आए हैं। हिंसा के दौरान रूमाल से इशारा किया गया। उपद्रवियों ने सीसीटीवी तोड़े। बताया जा रहा है कि हिंसा के लिए आरोपियों ने ठेले पर पत्थर पर लाए।

'आरोपियों की पकड़ने में मदद करने वाले की पहचान उजागर नहीं की जाएगी'

वहीं कानपुर पुलिस ने  पोस्टर जारी करते हुए मोबाइल नंबर 9454403715 पर संदिग्धों को देखते ही वॉट्सऐप के माध्यम से जानकारी देने की अपील की गई है। पुलिस कमिश्नर विजय प्रकाश मीणा ने साफ कहा है कि आरोपियों की पकड़ने में मदद करने वाले की पहचान उजागर नहीं की जाएगी और उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की होगी।

'फोटो लेकर हम लोगों के बीच जा रहे है ताकि उनकी पहचान की जा सके'

पुलिस ने कहा कि हमने CCTV कैमरों के जरिए फोटो हासिल किए थे। इन फोटो के जरिए हम उन सभी लोगों को पहचानने का काम कर रहे हैं, जिन लोगों को इंटेलिजेंस यूनिट नहीं पहचान पा रही है। उनकी फोटो लेकर हम लोगों के बीच जा रहे है ताकि उनकी पहचान की जा सके। 

पुलिस सोशल मीडिया पर भी नजर रख रही है

तीन जून को हुई हिंसा की जांच में कानपुर पुलिस की कई टीमें जुटी हैं। हिंसा के पीएफआई कनेक्शन की जांच भी की जा रही है। पुलिस सोशल मीडिया पर भी नजर रख रही है। आपत्तिजनक पोस्ट करने पर आठ सोशल मीडिया अकाउंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ है। कानपुर पुलिस मंगलवार को फ्लैग हिंसा वाले इलाके में फ्लैग मार्च करने वाली है। आरोप है कि इस हिंसा की साजिश पीएफआई ने रची। पथराव के पीछे उसी की साजिश है। जांच में यह भी बात सामने आई है कि हिंसा की घटना के लिए कानपुर के अलावा उन्नाव एवं अन्य जिलों से भी लोग पहुंचे थे। पुलिस संदिग्धों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज देख रही है। पुलिस यह जानने की कोशिश में है कि हिंसा के लिए बाहर के किन-किन जिलों से लोगों को बुलाया गया था। 

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