कानपुर: उत्तर प्रदेश का अहम शहर कानपुर उस वक्त दहल गया जब वहां पुलिस की एक टीम पर बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी जिसमें एक सीओ, एक एसओ, दो एसआई तथा 4 जवान समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए है। शहीद होने वालों में डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा, भी शामिल हैं। पुलिस को सूचना मिली थी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे गांव में छिपा है और विकास दुबे के इतिहास को देखते हुए करीब 40 पुलिसकर्मियों की टीम वहां पहुंची थी।
इस घटना के बाद प्रदेश में हड़कंप की स्थिति है और पुलिस महकमे से लेकर सरकारी मशीनरी सक्रिय हो गई है, इस मामले में यूपी सरकार ने कठोर कार्रवाई के आदेश दिए हैं, सीएम योगी आदित्यनाथ कानपुर एनकाउंटर में घायल पुलिसकर्मियों से मिलने अस्पताल पहुंचे उनके साथ उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी हैं, सीएम योगी ने अस्पताल में जाकर घायल पुलिस कर्मियों का हाल लिया।
घायल पुलिस कर्मियों से मिलने के बाद सीएम योगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कुछ अहम एलान किए हैं जिनमें शहीद पुलिसकर्मियों को एक करोड़ मुआवजा,असाधारण पेंशन देने की बात कही है साथ ही शहीद पुलिसकर्मियों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का भी एलान किया है, सीएम योगी ने कहा कि इस मामले में कहा है कि अपराधियों को कठोरतम सजा दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस के जवानों से जो असलहे छीन कर अपराधी भागे थे, उनमें से कुछ असलहे बरामद भी हुए हैं। शेष पर अभी कार्यवाही चल रही है। इस घटना के लिए जिम्मेदार किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार, अपने प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा के साथ-साथ हर शासकीय व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए उत्तरदायी हर कर्मी, उसके परिवार और उनके सुख-दुःख में सदैव खड़ी होने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
"हमारे जवानों का यह बलिदान किसी भी स्थिति में व्यर्थ नहीं जाएगा"
जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है, इस घटना के लिए जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा, कानूनन वह व्यक्ति इस घटना की सजा भी भुगतेगा। मैं इस बात का विश्वास दिलाता हूं कि हमारे जवानों का यह बलिदान किसी भी स्थिति में व्यर्थ नहीं जाएगा। मैं इन बहादुर जवानों को उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ जनता की सुरक्षा हेतु अपने आप को बलिदान करने के लिए, उनकी शहादत को कोटि-कोटि नमन करता हूं। शोक संतप्त परिजनों के प्रति हमारी पूरी संवेदना है।
क्या है कानपुर एनकाउंटर का ये मामला
इस मामले में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का नाम आया है,पुलिस टीम उसे पकड़ने गई थी। जहां पर पार्टी गई थी तो इन्होंने जेसीबी लगा दी। टीम पैदल गई तो ये लोग ऊंचाई पर खड़े हुए थे और अंधाधुंध फायरिंग कर दी। जिसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं जबकि सात जवान घायल हैं जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
अपराधी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए। विकास दुबे एक पेशवेर अपराधी है जिसपर 50 से अधिक मामले दर्ज है जिसमें हत्या, फिरौती, अपहरण जैसे कई मामले सामने हैं। एक शिकायत मिलने के बाद पुलिस को पता चला कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे यहां छिपा है तो वह विकास दुबे को पकड़ने के लिए गई थी।
कानपुर में मुठभेड़ में 2 अपराधी ढेर,तीन फरार हुए
कानपुर में पुलिस पर कातिलाना हमला कर वहां से फरार हुए अपराधियों की कुछ दूरी पर मुठभेड़ हुई है। इस मुठभेड़ में दो संदिग्ध मारे जाने की खबर है। पुलिस को संदेह है कि ये दोनों हिस्ट्री शीटर विकास दुबे के सहयोगी हैं। पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने मुठभेड़ में दो संदिग्धों के मारे जाने की पुष्टि की है। यह मुठभेड़ घटनास्थल से तीन किलोमीटर दूर हुई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मारे गए दो अपराधियों में क्या विकास दुबे भी है, इसकी पहचान कराई जा रही है। आईजी ने बताया कि मारे गए अपराधियों के पास से असलहा भी बरामद हुआ है जबकि तीन अपराधी मौके से भागने में कामयाब हो गए। अपराधियों को दबोचने के लिए पूरे इलाके में कॉम्बिंग की जा रही है।
विकास दुबे ने थाने में घुसकर की थी राज्यमंत्री की हत्या
विकास दुबे की दंबगई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने 2001 में थाने के अंदर घुसकर तत्कालीन दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पूरे देश में इसकी चर्चा हुआ लेकिन उसका कुछ नहीं बिगड़ पाया। कहा जाता है कि उसका खौफ ऐसा था कि किसी पुलिसकर्मी ने भी उसके खिलाफ गवाही नहीं थी। साक्ष्यों के आधार पर वह बरी हो गया।