- ट्रामा सेंटर से जुड़ेंगे कानपुर शहर के हाईवे, मिलेगी बड़ी राहत
- जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ने 9950 वर्ग मीटर जमीन चिह्नित कर रिपोर्ट भेजी
- हादसों में घायल लोगों को रेस्क्यू कर ट्रामा सेंटर लाया जाएगा
Kanpur Trauma Center: कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज पहुंचाना अब और आसान होगा। साथ ही घायलों को भी ट्रॉमा सेंटर तक जल्द पहुंचाया जा सकेगा। दरअसल, मेडिकल कॉलेज में प्रस्तावित एपेक्स ट्रामा सेंटर से कानपुर रीजन के सभी रिंग रोड, हाईवे और लखनऊ एक्सप्रेस-वे को जोड़ा जाएगा। कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल (जीएसवीएम) ने ट्रामा सेंटर के लिए 9950 वर्गमीटर जगह भी चिह्नित कर ली है। केंद्र और राज्य सरकार इसके लिए पहले ही मंजूरी दे चुकी थी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने पहले भी मेडिकल कॉलेज से ट्रॉमा इंजरी पर घायलों के आपात प्रबंधन पर प्रोजेक्ट मांगा था, जिसे बनाकर एनएचएआई को दे दिया गया था। प्रोजेक्ट मिलने के बाद मंत्रालय ने मंत्रणा की और अब उस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। दिल्ली में इसको लेकर बैठक की गई है जिसमें स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को भी बुलाया गया।
सड़क हादसों में घायलों को रेस्क्यू कर लाया जाएगा ट्रामा सेंटर
ऐसे में संबंधित हाईवे पर होने वाले सड़क हादसों में घायल लोगों को रेस्क्यू कर ट्रामा सेंटर लाया जाएगा। इसके लिए एम्बुलेंस सेवा भी अलग से चालू की जाएगी। ट्रॉमा सेंटर से कानपुर रीजन से निकलने वाले लखनऊ, दिल्ली, प्रयागराज, अलीगढ़ हाईवे, रिंग रोड और लखनऊ एक्सप्रेस-वे को कनेक्ट किया जाएगा। एनएचएआई के प्रवक्ता ने बताया कि इसकी सहमति दे दी गई है। अब ट्रामा सेंटर बनाने का रास्ता आसान हो जाएगा। मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी हेड डॉ. मनीष सिंह ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को रिपोर्ट पहले दी गई थी।
312 करोड़ की लागत से बनेगा सात मंजिला एपेक्स ट्रामा सेंटर
आपको बता दें कि 312 करोड़ की लागत से सात मंजिला एपेक्स ट्रामा सेंटर जीएसवीएम सुपर स्पेशियलिटी पीजीआई के पास में बनाया जाएगा। प्रस्तावित ट्रॉमा सेंटर के लिए केंद्र सरकार ने नेशनल हेल्थ मिशन के तहत 270 करोड़ रुपये को मंजूरी दे दी है। इस राशि से भवन का निर्माण होगा। ट्रामा सेंटर में आठ मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर बनेंगे। इससे घायलों और सर्जरी के रोगियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। इसमें 200 बेड फंडिंग एनएचएम से होंगे। इसके साथ ही 50 बेड का डिजास्टर मैनेजमेंट वार्ड भी बनाया जाएगा। इसमें न्यूरो, सर्जरी, दंत रोग, एनेस्थीसिया, कार्डियक सर्जरी, ट्रैमोटोलॉजी और इमरजेंसी मेडिसिन सहित दस विभाग होंगे।