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Gram Sachivalaya: कानपुर के गांवों में ही बनेंगे जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, नहीं लगाने होंगे तहसील के चक्कर

Updated Apr 16, 2022 | 17:56 IST

Kanpur Gram Sachivalaya: यूपी के गांवों में पंचायत भवन को ही ग्राम सचिवालय बनाए जा रहे हैं, अब गांव में ही जाति प्रमाण पत्र, स्थायी निवास, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, खसरा-खतौनी जैसे जरूरी कागजात ग्राम पंचायत सहायक की मदद से पंचायत सचिव जरूरतमंदों को जारी करेगें।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
आम आदमी को राहत, बनेंगे ग्राम सचिवालय
मुख्य बातें
  • अब सारी सुविधाएं गांव के ही पंचायत भवन में मिलेंगी
  • विभिन्न योजनाओं के आवेदन के लिए तहसील के चक्कर नहीं लगाने होंगे
  • प्रत्येक गांव को आदर्श गांव बनाने की योजना है

Kanpur Gram Sachivalaya: उत्तर प्रदेश के कानपुर में आम आदमी को राहत देने के उद्देश्य से पंचायत विभाग ने गांव में ग्राम सचिवालय बनाने की योजना बनाई है। यूपी के गांवों में रहने वाले लोगों को पहले जाति प्रमाण पत्र, स्थायी निवास, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, खसरा-खतौनी जैसे दस्तावेजों को बनवाने के लिए शहरों-कस्बों में कॉमन सर्विस सेंटर के चक्कर लगाने पड़ते थे। अब ये सारी सुविधाएं गांव के ही पंचायत भवन में मिलेंगी। इसके लिए गांवों के पंचायत भवनों में ही ग्राम सचिवालय बनाए जा रहे हैं, जो कॉमन सर्विस सेन्टर के रूप में काम करेंगे। 

अब गांव में ही जाति प्रमाण पत्र, स्थायी निवास, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, खसरा-खतौनी जैसे जरूरी कागजात ग्राम पंचायत सहायक की मदद से पंचायत सचिव जरूरतमंदों को जारी करेगें। इसके लिए पैसा भी खर्च करना नहीं पड़ेगा। अब गांवों में जल्द ही जन्म, मृत्यु प्रमाणपत्र बनने लगेंगे। खसरा, खतौनी और विभिन्न योजनाओं के आवेदन के लिए तहसील के चक्कर नहीं लगाने होंगे। यह सभी सुविधाएं ग्रामीणों को गांव में ही मिलने लगेंगी। 

डिजिटलीकरण पर सरकार का जोर

योगी सरकार गांवों में सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दे रही है। ग्रामीणों को छोटे कामों के लिए भटकना न पड़े इसके लिए ग्राम सचिवालय बनाने व उनके डिजिटलीकरण पर जोर दिया जा रहा है। प्रत्येक गांव को आदर्श गांव बनाने की सरकार की मंशा है। पंचायत सचिव, लेखपाल ग्रामीणों को यहां आसानी से उपलब्ध रहेंगे। 

जरूरी हैं ये डॉक्यूमेंट्स
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी के अनुसार, हॉस्पिटल या सांसद आदि से प्रमाणित मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ एक फॉर्म भरना होगा। इसके साथ मृतक का वोटर कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेन्स, राष्ट्रीयकृत बैंक की फोटो युक्त पासबुक, राशन कार्ड और मृत व्यक्ति की मृत्यु का दिनांक, स्थान और समय से सम्बंधित शपथ पत्र की प्रमाणित प्रति जमा करना होता है। 

जरूरी होता है मृत्यु प्रमाण पत्र 

किसी भी मृतक के परिजनों के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र बेहद जरूरी होता है। मृत्यु प्रणाम पत्र के बिना मृतक के आश्रितों को सम्बंधित हितलाभ नहीं मिल सकते। चाहे वह इन्श्योरेंस का क्लेम हो, आश्रित कोटे से नौकरी हो या फिर सम्पत्ति विवाद आदि। मृतक आश्रित को मृतक की डेथ के बाद मिलने वाली सुविधाओं का लाभ लेने के लिए सबसे पहले जिस प्रमाण पत्र की जरूरत होती है, वह मृत्यु प्रमाण पत्र। 

15 दिनों में मिल जाता है मुत्यु प्रमाण पत्र 

अब मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन फार्म को बताये गये जरूरी डॉक्यूमेंट्स के साथ नगर पालिका, नगर पंचायत या नगर निगम में जमा करना होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह फॉर्म को एएनएम, आशा बहू के पास जमा करना होता है। फार्म जमा करने के 15 दिन बाद आपको मृत्यु प्रमाण पत्र मिल जाता है। मृत्यु प्रमाणपत्र बन जाने के बाद, इसे जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रार में दर्ज किया जाता है। इसकी नकल मृतक के परिजनों को मिलती है। 

ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं
मौत के 21 दिनों के भीतर मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करना होता है। इसके लिए आप ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं। ध्यान रहे कि, मृत्यु के 21 दिनों की अवधि के बाद आप ऑनलाइन डेथ सर्टिफिकेट नहीं बनवा सकेंगे, इसके बाद मृत्यु प्रमाण पत्र ऑफलाइन ही बनवाना होगा। 

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