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Bakrid Mubarak 2022 Wishes, Shayari: इन शायरियों से अपने करीबियों को दें बकरीद की मुबारकबाद, ऐसे कहें ईद मुबारक

Updated Jul 10, 2022 | 10:56 IST

Bakrid Mubarak 2022 Wishes Shayari in Hindi, Happy Eid-al-Adha 2022 Wishes Hindi, Shayari, Images, Quotes: बकरीद मुस्लिम संप्रदाय का कुर्बानी से जुड़ा त्यौहार है। इस मौके पर आप भी इस प्रकार बधाई संदेश भेज सकते हैं।

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Bakrid Mubarak 2022 Wishes, Shayari, बकरीद की शायरी
मुख्य बातें
  • ईद-उल-अजहा मुस्लिम समुदाय के लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है
  • यह दिन कुर्बानी के लिए जाना जाता है
  • मुस्लिम धर्म में ईद-उल-अजहा दूसरा बड़ा त्योहार है।

Bakrid Mubarak 2022 Wishes Shayari in Hindi, Happy Eid-al-Adha 2022 Wishes Hindi, Shayari, Images: ईद-उल-अजहा का दिन कुर्बानी के लिए जाना जाता है। मुस्लिम धर्म में ईद-उल-अजहा दूसरा बड़ा त्योहार है। इसे बकरीद यानी ऊद उल अधा भी कहा जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के मुबातिक ईद-उल-अजहा का पर्व 12वें महीने की 10 तारीख को मनाया जाता है।

बकरीद रमजान खत्म होने के 70 दिनों के बाद बाद मनाई जाती है।    बकरीद का त्योहार हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। भारत में बकरीद का मुबारक पर्व 10 जुलाई को मनाया जाएगा। आप इस मौके पर इस प्रकार बधाई संदेश भेज सकते है। आप शायरियों के इन संदेशों और तस्वीरों के जरिए भी मुबारकबाद भेज सकते हैं। 

पढ़ें- Eid-al-Adha Mubarak 2022 Wishes Images, Status, Shayari

ज़िंदगी के हर पल खुशियों से कम न हों
आपका हर दिन ईद के दिन से कम न हो
ऐसा ईद का दिन आपको हमेशा नसीब हो
ईद मुबारक!

चुपके से चांद की रोशनी छू जाए आपको
धीरे से ये हवा कुछ कह जाए आपको
दिल से जो चाहते हो मांग लो खुदा से
हमारी दुआ है इस ईद वो मिल जाए आपको
आप सभी को ईद मुबारक!

ईद का त्योहार आया है
खुशियां अपने संग लाया है
खुदा ने दुनिया को महकाया है
देखो फिर से ईद का त्योहार आया है
आप सभी को दिली ईद मुबारकबाद

फूलों की तरह हंसते रहो
भंवरों की तरह गुनगुनाओ
अल्‍लाह का हो नाम लबों पर
जमकर ये ईद मनाओ

कोई इतना चाहे हमें तो बताना
कोई तुम्हारी फिक्र करे तो बताना
ईद मुबारक तो हर कोई कह देगा
कोई हमारे अंदाज में कहे तो बताना

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चांद से रौशन हो त्यौहार तुम्हारा
खुशी से भर जाए आंगन तुम्हारा
हर शिकायत हो दूर तुम्हारी
बस यही है दुआ हमारी

जिंदगी का हर पल खुशियों से कम न हो
आपका हर दिन ईद के दिन से कम न हो
दुख की बारिश पड़े तो हमें भूल न जाना
दोस्तों की अहमियत कभी भी कम न होा

ज़िंदगी का हर पल खुशियों से कम न हो
आपका हर दिन ईद से कम न हो
ऐसा ईद का दिन आपको हमेशा नसीब हो
जिसमें कोई दुख और गम न हो
आपको और आपके परिवार को ईद मुबारक

दीए जलते और जगमगाते रहें
हम आपको इसी तरह याद आते रहें
जब तक ज़िंदगी है ये दुआ है हमारी
आप ईद के चांद की तरह जगमगाते रहें

मुबारक हो आपको खुदा की दी हुई यह ज़िंदगी
खुशियों से भरी रहे आपकी ज़िंदगी
गम का साया कभी आप पर न आए,
दुआ है यह हमारी, आप सदा यूं ही मुस्कुराएं
ईद मुबारक! 

ईद को भी वो नहीं मिलते हैं मुझ से न मिलें
इक बरस दिन की मुलाकात है ये भी न सही
(शोला अलीगढ़ी)

आज यारों को मुबारक हो कि सुब्ह-ए-ईद है
राग है मय है चमन है दिलरुबा है दीद है
(आबरू शाह मुबारक)

उस मेहरबां नजर की इनायत का शुक्रिया
तोहफा दिया है ईद पे हम को जुदाई का
(अज्ञात)

ईद के बाद वो मिलने के लिए आए हैं
ईद का चांद नजर आने लगा ईद के बादॉ
अज्ञात

ईद का दिन है गले आज तो मिल ले जालिम
रस्म-ए-दुनिया भी है मौका भी है दस्तूर भी है
(कमर बदायुनी)

शहर खाली है किसे ईद मुबारक कहिए
चल दिए छोड़ के मक्का भी मदीना वाले
(अख्तर उस्मान)

महक उठी है फजा पैरहन की खुशबू से
चमन दिलों का खिलाने को ईद आई है
(मोहम्मद असदुल्लाह)

है ईद का दिन आज तो लग जाओ गले से
जाते हो कहां जान मिरी आ के मुकाबिल
(मुसहफी गुलाम हमदानी)

किसी की याद मनाने में ईद गुजरेगी
सो शहर-ए-दिल में बहुत दूर तक उदासी है
(इसहाक विरदग)

ईद में ईद हुई ऐश का सामां देखा
देख कर चांद जो मुंह आप का ऐ जां देखा
(शाद अजीमाबादी)

आई ईद व दिल में नहीं कुछ हवा-ए-ईद
ऐ काश मेरे पास तू आता बजाए ईद
(शैख जहूरूद्दीन हातिम

राहतों से लगे सदमे भी हैं
दिल को मजबूत बना कर रखिए
ईद का दिन है गले मिल लीजे
इख्तिलाफात हटा कर रखिए
(अब्दुल सलाम बंगलौरी)

ईद तू आ के मेरे जी को जलावे अफ्सोस
जिस के आने की खुशी हो वो न आवे अफ्सोस
(मुसहफी गुलाम हमदानी)

वादों ही पे हर रोज मिरी जान न टालो
है ईद का दिन अब तो गले हम को लगा लो
(मुसहफी गुलाम हमदानी)

जो लोग गुजरते हैं मुसलसल रह-ए-दिल से
दिन ईद का उन को हो मुबारक तह-ए-दिल से
(ओबैद आजम आजमी)

दीपक में अगर नूर न होता
तन्हा दिल यूँ मजबूर न होता
मैं आपको "ईद मुबारक" कहने जरूर आता
अगर आपका घर इतना दूर न होता।

चांद सा रोशन हो ईमान तुम्हारा
इबादत से भरा हो दिल तुम्हारा
सारी नमाजें कुबूल हो तुम्हारी
बकरीद पर यही दुआ है हमारी

चुपके से चांद की रौशनी छू जाए आपको
धीरे से ये हवा कुछ कह जाए आपको
दिल से जो चाहते हो मांग लो खुदा से
दुआ है बकरीद पर मिल जाए वो आपको

जिंदगी का हर पल खुशियों से कम ना हो
आपका हर दिन ईद के दिन से कम ना हो

आज के दिन क्या अनोखी घटा छाई है
चारों तरफ खुशियों की फिजा छाई है
कह रहा है हर कोई दिल से ये बात
बकरीद पर खुशियां हो दिन और रात