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Engineer's Day: बच्चा कर रहा है इंजीनियरिंग की तैयारी और हो गया है कोचिंग से परेशान तो आप ऐसे बनें सहारा

Updated Sep 15, 2022 | 09:50 IST

Tips For Engineer Students: इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे बच्चों पर स्कूल, कोचिंग व तैयारी हर तरह का प्रेशर होता है। कई बार बच्चे कोचिंग से परेशान हो जाते हैं। ऐसे में मां-बाप को उनका सबसे बड़ा सहारा बनना चाहिए। उन्हें समझाना चाहिए कि वह हर चीज को कैसे बैलेंस करें।

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इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहें बच्चों का दें साथ
मुख्य बातें
  • इंजीनियरिंग के बच्चों के पास बहुत विकल्प होते हैं
  • इंजीनियर बनने की इच्छा लेकर बच्चे स्कूल के समय पर ही तैयारी शुरू कर देते हैं
  • इंजीनियरिंग की इच्छा रखने वाले बच्चे स्कूल में ही साइंस विषय का चयन कर लेते हैं और वे यहीं से अपनी तैयारी शुरू करते हैं

Engineer's Day Parenting Tips: आज के दौर में बच्चे पहले ही अपने लक्ष्य के बारे में सोच लेते हैं कि उन्हें भविष्य में क्या करना है। ऐसे में अधिकतर बच्चों की च्वाॅइस इंजीनियर बनने की होती है। इंजीनियरिंग के बच्चों के पास बहुत विकल्प होते हैं। इंजीनियर बनने की इच्छा लेकर बच्चे स्कूल के समय पर ही तैयारी शुरू कर देते हैं। ऐसी में इंजीनियरिंग की इच्छा रखने वाले बच्चे स्कूल में ही साइंस विषय का चयन कर लेते हैं और वे यहीं से अपनी तैयारी शुरू करते हैं। इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे बच्चों के ऊपर जिम्मेदारी बहुत अधिक होती है। जैसे जैसे पढ़ाई का स्टैंडर्ड बढ़ रहा है वैसे-वैसे लोगों में कोचिंग को लेकर रूझान भी बढ़ा है। 

आज के समय में अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन पाने व दूसरे से आगे रहने की होड़ में पेरेंट्स बच्चों के लिए अच्छे से अच्छे कोचिंग सेंटर की तलाश में रहते हैं ताकि कोचिंग में बच्चा अच्छे से पढ़ाई करके अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन पा लें, लेकिन कई बार कोचिंग की वजह से बच्चों की दिनचर्या इतनी भारी हो जाती है कि उन्हें खुद के लिए भी टाइम नहीं मिल पाता है। स्कूल से कोचिंग, कोचिंग से घर उसके बाद होमवर्क ऐसे में उन पर प्रेशर बढ़ जाता है और स्ट्रेस लेवल भी बढ़ने लगता है। कई बार बच्चे कोचिंग से परेशान होने लगते हैं। ऐसे में मां-बाप को उनका सहारा बनना चाहिए। आइए जानते हैं अगर आपका भी बच्चा इंजीनियरिंग की कोचिंग से परेशान हो गया है तो कैसे उसका सहारा बनें।

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सिखाएं पेशन्स

पढ़ाई में मन लगाने के लिए सबसे पहले आप अपने बच्चे को अपने पेशन्स को खुद को खोजने का मौका दें। एक पेरेंट्स के रूप में आपको अपने बच्चे की कौशलों को निहारने में मदद करनी चाहिए और जब भी अपने पेशन्स को समझ पाएंगे तो उन्हें सही राह चुनने में मदद मिलेगी।

बच्चों को छोड़े फ्री

बच्चों पर कभी भी पढ़ाई का प्रेशर न डालें। कोचिंग से आने के बाद उन्हें पढ़ाई के लिए न बोले। बच्चों को समझदारी सिखाएं अपनी रिस्पांसिबिलिटी सिखाएं। उन्हें पढ़ाई करने के लिए मजबूर न कीजिए। उनको फ्री छोड़ दें। वह खुद अपनी दिनचर्या को बैलेंस करना सीख जाएगा।

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डाइट पर दें ध्यान

बच्चों के खाने पर भी विशेष ध्यान दें। बच्चे पढ़ाई व कोचिंग से थक जाते हैं। ऐसे में उनकी डाइट मजबूत होनी चाहिए। उनके खाने में दूध, बदाम, दही, दाल व फल जरूर शामिल करें, ताकि बच्चे में एनर्जी बनी रहें और वह हर काम में ध्यान केंद्रित कर सकें।

 डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।