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क्या आप भी रख रहे हैं बढ़ी हुई दाढ़ी? इससे बढ़ सकता है कोरोना का खतरा? जानें

Updated Jun 12, 2021 | 16:00 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Beard: कोरोना काल में लोगों ने खूब दाढ़ी बढ़ाई, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे कोरोना वायरस का खतरा बढ़ सकता है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: पिछले साल जब कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन लगा तो बहुत सारे पुरुष दाढ़ी और लंबे बाल रखने। किसी ने दाढ़ी और लंबे बाल शौक से रखे तो कोई मजबूरी में रख रहा था। लेकिन क्या कोरोना वायरस महामारी के बीच दाढ़ी बढ़ाना वाकई ठीक है? ये आपको क्या पता होना चाहिए:

'दैनिक जागरण' की खबर के अनुसार, डॉ. एंथनी एम रॉसी के अनुसार, जो अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के सदस्य हैं, उन्होंने healthline.com को बताया, 'यदि आपकी दाढ़ी बहुत घनी है, तो मास्क आपकी गर्दन से जबड़े को अच्छे से कवर नहीं कर पाएगा। अधिक दाढ़ी से कणों और वायु प्रवाह को आपके और मास्क के बीच जाने की अनुमति मिलती है।

इसका मतलब है कि यदि आप सांस लेते हैं, बोलते हैं, खांसते हैं तो वायरस की बूंदें आपके मास्क के भीतर नहीं रह पाएंगी और आपके मास्क के किनारों से बच सकती हैं। इसके विपरीत यह भी है कि यदि आप किसी वायरस के संपर्क में हैं तो यह आपके मास्क के किनारों से प्रवेश कर सकता है। इसलिए दाढ़ी को ट्रिम करने की जरूरत है।

ऐसे में कहा जा सकता है कि आप हल्की दाढ़ी रखें या क्लिन शेव रहें, जिससे मास्क अच्छे से आपके चेहरे को कवर कर सके। 

बेहतर फिटिंग वाले मास्क ज्यादा कारगर: अध्ययन

हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार बेहतर फिटिंग वाले मास्क कोविड जैसी बीमारियों से बचाव में अधिक कारगर हैं वहीं अगर मास्क चेहरे पर ठीक से फिट नहीं होते हैं तो वायरस से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। अमेरिका के सिनसिनाटी विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया। उन्होंने चेहरे और कपड़े के बीच के स्थान को मापने के लिए तीन अलग-अलग आकार के मास्क के सीटी स्कैन का इस्तेमाल किया। ये मास्क तीन अलग-अलग आकार के मुखौटों को पहनाए गए थे। इसके बाद उन्होंने संक्रमण के जोखिम को निर्धारित करने के लिए खाली स्थानों से लीक की गणना की। 

यह अध्ययन साइंटिफिक रिपोर्ट्स नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में पाया गया कि खराब फिटिंग वाले एन95 मास्क से चेहरे के चारों ओर रिसाव हो सकता है जो संक्रमण के जोखिम को बढ़ाता है। अध्ययन से जुड़े प्रोफेसर रूपक बनर्जी ने कहा, 'बहुत से लोगों को यह पता नहीं होता है कि मास्क का आकार अलग-अलग हो सकता है। चेहरे और मास्क के आकार भिन्न-भिन्न होते हैं।' उन्होंने कहा कि यह मास्क ठीक प्रकार से फिट नहीं बैठते तो संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।