- नीलगिरी की पहाड़ियों पर बसा है ऊटी
- ऊटी को 'क्वीन ऑफ हिल्स' कहा जाता है
- ऊटी में कई सुंदर और मनोरम पर्यटन स्थल
अगर काम से ब्रेक लेकर ऐसी जगह जाना चाहते हैं, जहां शांति के साथ सुंदरता का मेल हो तो आपको तमिलनाडु में नीलगिरी की पहाड़ियों पर बसे ऊटी के दर्शन जरूर करने चाहिए। ऊटी अपने हिल स्टेशनों के लिए पूरे विश्व में प्रख्यात है और इसे क्वीन ऑफ हिल्स का दर्जा दिया गया है। ऊटी का पूरा नाम उदगमंडलम है। लोग प्यार से इसे ऊटी कहते हैं। ऊटी एक ऐसी जगह है जहां आपको विशाल और मनोरम पहाड़ियां, चारों ओर फैले घास के मैदान, शांतिपूर्ण वातावरण, रंगीन मौसम और प्रकृति का सौंदर्य दर्शन करने को मिलेगा।
हर साल ऊटी के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर घूमने के लिए लाखों लोग आते हैं। यहां विदेशियों का भी जमावड़ा लगता है। ऊटी, कोयंबटूर से 86 किलोमीटर और मैसूर से 128 किलोमीटर दूर है। ऊटी का मौसम पूरे वर्ष शांत और खुशनुमा रहता है लेकिन ठंड के मौसम में आपको यहां सावधानी जरूर बरतनी चाहिए, क्योंकि दक्षिण भारत की अन्य जगहों की तुलना में ऊटी में ठंड ज्यादा पड़ती है। आइए आपको ऊटी के उन 10 फेमस डेस्टिनेशन प्वाइंट के बारे में बताते हैं, जहां टूर के दौरान आप जा सकते हैं।
ऊटी झील
अगर आप कुछ वक्त प्रकृति के साथ बिताना चाहते हैं तो ऊटी झील आपके लिए सबसे बेस्ट जगह है। ऊटी झील 1825 में बनी थी जो 2.5 किलोमीटर लंबी है और नीलगिरी की पहाड़ियों के बीच से होकर गुजरती है। अपने दोस्तों, लाइफ पार्टनर और परिवार वालों के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करने के लिए ऊटी झील सबसे अच्छा ऑप्शन है। यहां आप अपने परिवार वालों के साथ पिकनिक पर भी आ सकते हैं और पैडल बोटिंग का आनंद भी ले सकते हैं। यादगार स्मृति के तौर पर आप ऊटी झील के आसपास की दुकानों से सामान भी खरीद सकते हैं।
नीडल रॉक पॉइंट
अगर आप ट्रेकिंग करना चाहते हैं तो आपको नीडल रॉक पॉइंट जरूर जाना चाहिए। यह बहुत ही सुंदर जगह है, जहां आप पहाड़ियों से मिलते हुए बादलों का दृश्य देख सकेंगे। ऊटी से 51 किलोमीटर आगे गुडालुर जगह पर नीडल पॉइंट स्थित है।
ऊटी का रोज गार्डन
जो भी ऊटी घूमने आता है वह रोज गार्डन को बिना देखे यहां से नहीं जाता। ऊटी का यह रोज गार्डन बहुत लोकप्रिय है और 4 हेक्टेयर जमीन पर फैला हुआ है। यहां 20 हजार से ज्यादा किस्म के गुलाब मौजूद है, जिन्हें देखकर लोगों को मन खिल उठता है। ऊटी के इस रोज गार्डन को वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ रोज सोसाइटी की तरफ से दक्षिण एशिया के गार्डन ऑफ एक्सीलेंस का अवार्ड मिल चुका है।
टोडा हट्स ऊटी
ऊटी की सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक टोडा हट्स भी है। टोडा हट्स, स्वदेशी जनजाति टोडा लोगों के रहने की जगह है। अगर आप दक्षिण भारतीय इलाके के जनजातियों के जीवन को ध्यानपूर्वक देखना चाहते हैं तो आपको यहां जरूर आना चाहिए।
ऊटी का बोटैनिकल गार्डन
ऊटी का बोटैनिकल गार्डन 22 हेक्टेयर जमीन पर फैला हुआ है, जहां विभिन्न प्रकार के फूलों और पेड़ों को लगाया गया है। कहा जाता है कि यहां फूलों और पेड़ों की 650 से ज्यादा प्रजातियों की बागवानी की गई है। इस बोटैनिकल गार्डन की खास बात है कि यहां 20 मिलियन वर्ष पुराना एक जीवश्म वृक्ष है, जिसे देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा होती है।
नीलगिरी पर्वत रेलवे
नीलगिरि पर्वतीय रेलवे का दर्शन करने के लिए हर साल यहां लाखों लोग आते हैं। नीलगिरि पर्वतीय रेलवे को 1908 में अंग्रेजों द्वारा बनाया गया था। अगर आप रोमांच का अनुभव करना चाहते हैं तो आपको नीलगिरी पर्वत रेलवे की सवारी जरूर करनी चाहिए। इस रेलवे लाइन पर एक टॉय ट्रेन चलती है जो मेट्टुपालयम से शुरू होती है और कई सुरंगो, वादियों और पुलों से होकर गुजरती है।
डोड्डाबेटा चोटी
कहा जाता है कि दक्षिण भारत की सबसे ऊंची चोटी डोड्डाबेटा चोटी है जो 8,606 फीट ऊंची है। यह जगह ऊटी से 10 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है। यहां पर आप नीलगिरी पर्वत के सुंदर और आकर्षक दृश्य और नीलगिरी पर बसने वाले लोगों का जनजीवन देख सकेंगे। यहां आप दूरबीन की मदद से नीलगिरी की पहाड़ियों को अच्छी तरह से देख सकते हैं।
मुरूगन मंदिर ऊटी
ऊटी ना ही सिर्फ हिल स्टेशन की वजह से प्रख्यात है बल्कि यह अपनी धरोहर वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है। यहां का मुरुगन मंदिर सबसे प्रसिद्ध है जिसकी वास्तुकला आपको जरूर देखनी चाहिए। यह मंदिर एल्क हिल पर स्थित है, जहां भगवान मुरूगन के भक्त कावड़ी अट्टम नृत्य करते हैं।
प्यकारा जलप्रपात
अगर आप प्रकृति के दर्शन के साथ रोमांचकारी अनुभव करना चाहते हैं तो आपको प्यकारा जलप्रपात जरूर जाना चाहिए जो ऊटी से 20 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है। यह जगह देवदार के वृक्षों से घिरी हुई है, जहां आप स्पीड बोट सवारी कर सकते हैं। साथ ही यहां के फेमस खाने का आनंद भी उठा सकते हैं।
स्टोन हाउस
1822 में जॉन सुलिवन ने ऊटी में बंगला बनवाया था, जिसे ऊटी का पहला बंगला माना जाता है। अब इस बंगले को सरकारी आर्ट्स कॉलेज बना दिया गया है। आपको यहां जरूर जाना चाहिए, क्योंकि यहां कुछ वास्तुकला और महान अवशेष को प्रदर्शित किया जाता है।
कैसे पहुंचें ऊटी?
ऊटी पहुंचने के लिए आप चाहे तो रोडवेज या रेलवेज के रास्ते आ सकते हैं। अगर आप फ्लाइट से आना चाहते हैं तो आपके लिए ऊटी के सबसे नजदीक कोयंबटूर का हवाई अड्डा पड़ेगा।