- इस साल गणेश चतुर्थी का उत्सव 31 अगस्त को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा
- हिंदू धर्म में गणेश जी की पूजा हर शुभ कार्य में सबसे पहले की जाती है
- भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता, सुखकर्ता, दुखहर्ता आदि कई नामों से पुकारा जाता है
Ganesh Chaturthi 2022: गणेश चतुर्थी के उत्सव का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था। इस साल गणेश चतुर्थी का उत्सव 31 अगस्त को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में गणेश जी की पूजा हर शुभ कार्य में सबसे पहले की जाती है। भगवान गणेश जी के अनेक नाम हैं। उन्हें विघ्नहर्ता, सुखकर्ता, दुखहर्ता आदि कई नामों से पुकारा जाता है। गणपति जी के शरीर और उनसे जुड़ी हर एक चीज मनुष्य को कोई न कोई सीख जरूर देते हैं। उनके बड़े कान जीवन को सही दिशा देने की सीख देते हैं। आइए जानते हैं गणेश जी के बड़े कान के पीछे क्या है रहस्य।
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गणेश जी के बड़े कान का रहस्य
भगवान श्री गणेश जी के लंबे कान के पीछे एक बड़ी वजह छुपी हुई है। हिंदू धर्म के मुताबिक भगवान श्री गणेश जी के कान सूप जैसे बड़े हैं, इसलिए उन्हें गजकर्ण एवं सूपकर्ण भी कहा जाता है। भगवान गणेश जी के लंबे कान का एक रहस्य है कि वह सबकी सुनते हैं फिर अपनी बुद्धि और विवेक से फैसला लेते हैं। ऐसे में गणेश जी के बड़े कान हमें भी इस बात की सीख देते हैं कि हमें सुनना सबकी है लेकिन करना अपने बुद्धि से ही कार्य है। किसी दूसरे की बुद्धि पर चलने वाला व्यक्ति कभी भी सफलता हासिल नहीं कर पाता है।
जानिए क्या देते हैं सीख
बड़े कान इस बात का भी संकेत देते हैं कि हमें हमेशा चौंकन्ना रहना चाहिए। गणेश जी के बड़े कान से हमें यह भी शिक्षा मिलती है कि जैसे सूप बुरी चीजों को काटकर अलग कर देता है। उसी तरह जो भी बुरी बातें आपके कान तक पहुंचती है उसे बाहर ही छोड़ देना चाहिए। बुरी बातों को कभी भी अपने दिमाग व मस्तिष्क पर नहीं बैठाना चाहिए और हमें दूसरों से हमेशा ऐसी बातें ग्रहण करनी चाहिए जो हमें अच्छी सीख दें।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता।)