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Happy Holi Wishes 2023: 'होली पर साजन दिखे, छूटा मन का धीर', होली के इन खूबसूरत दोहों से दें मुबारकबाद

Updated Mar 06, 2023 | 13:51 IST

Happy Holi 2023 Wishes Images Dohe in Hindi: होली का पर्व एकजुटता के साथ भाईचारे का भी प्रतीक माना गया है। होली के मुबारक मौके पर आप खूबसूरत दोहों के जरिए नए अंदाज में अपनों को शुभकामना संदेश भेज सकते हैं।

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Happy Holi 2022 Wishes Dohe,होली के दोहे
मुख्य बातें
  • होली हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को पड़ता है
  • होली का पर्व रंगों का पर्व है जो एकता और भाईचारे का प्रतीक है
  • इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है

Happy Holi 2023 Wishes Images Dohe in Hindi: आज पूरे भारत में होली का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। कुछ लोग आज और कुछ लोग कल भी रंग वाली खेलेंगे। होली का इंतजार तो हम सबको बेसब्री से रहता है। यह त्योहार हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को पड़ता है। होली के दिन मैसेज, तस्वीर, शुभकामनाएं भेजने का सिलसिला भी शुरू हो जाता है।

Happy Holi 2023 Wishes Images, Messages, Quotes, Shayari, Photos: Download and send

अगर आप भी अपने दोस्तों, चाहने वालों, रिश्तेदारों,दोस्तों,अपनो को होली के शानदार और दिल जीतने वाले शुभकामनाएं भेजना चाहते हैं, तो यहां आपको पूरी लिस्ट मिल जाएगी। आप इन दोहों के जरिए भी होली की मुबारकबाद दे सकते हैं।



हुआ बावरा वक्त यह, सुन चैती के बोल।
पहली-पहली छुवन के, भेद रही रितु खोल।।

होली पर साजन दिखे, छूटा मन का धीर।
गोरी के मन-आंगने, उड़ने लगा अबीर।।

होली अब के बार की, ऐसी कर दे राम।
गलबहिंया डाले मिलें, ग़ालिब अरु घनश्याम।।

मनसा-वाचा-कर्मणा, भूल गए सब रीत।
होली के संतूर से, गूंजे ऐसे गीत।।

इक तो वो मादक बदन, दूजे ये बौछार।
क्यों ना चलता साल भर, होली का त्यौहार।।

थोड़ी-थोड़ी मस्तियां, थोड़ा मान-गुमान।
होली पर 'साहिल' मियां, रखना मन का ध्यान।।

 किस से होली खेलिए, मलिए किसे गुलाल।
चहरे थे कुछ चांद से डूब  गए इस साल।।

नेताओं ने पी  रखी, जाने कैसी भंग।
मुश्किल है पहचानना, सब चहरे बदरंग।।

योगी तो भोगी हुए, संसारी सब संत।
जिनकी कुटियों में रहे, पूरे बरस बसंत।।

कैसी थीं वो होलियां, कैसे थे अहसास।
ज़ख़्मी है अब आस्था, टूट गए विशवास।।

बीते बर्फीले समय, हवा गा रही फाग।
देवा एक अनंग है- रहा देह में जाग।।

पर्व हुआ दिन, किन्तु, है, फिर भी वही सवाल।
'होरी के घर' क्यों भला, अब भी वही अकाल।।

 नाच उठा आकाश भी, ऐसा उड़ा अबीर।
ताज नशे में झूमता,यमुना जी के तीर।।

बरसाने की लाठियां, खाते हैं बड़भाग।
जो पावै सौगात ये, तन मन बागो बाग़।।

तन मन पे यूं छा गई, होली की तासीर।
रांझे को रंगने चली, ले पिचकारी हीर।।

होली के हुडदंग में, योगी राज उवाच।
पटिआले की भांग ने,फेल करी इस्काच।।

रंग लगावें सालियां, बापू भयो जवान।
हुड़ हुड़ हुड़ करता फिरे, बन दबंग सलमान।।

 होली के हुड़दंग में, नाचे पी कर भांग।
दिन भर फिर सोते रहे, सब खूंटे पर टांग।।

नयन हमारे नम हुए, गांव आ गया याद।
वो होली की मस्तियां,  कीचड़ वाला नाद।।