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Hindi Diwas 2022 Speech, Paheliyan: क्या आप हैं हिंदी के उस्ताद? हिंदी दिवस के मौके पर देखें ये मुश्किल और मजेदार पहेलियां

Updated Sep 13, 2022 | 22:15 IST

Hindi Diwas 2022 Speech And Paheliyan (हिंदी दिवस 2022 पर भाषण और पहेलियां): हर साल की तरह इस वर्ष भी 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। हिंदी भाषा एक तरफ जहां हर भारतीय को जोड़ती है, वहीं ये कभी-कभी लोगों का दिमाग भी हिला देती है। अगर आप अपने आप को हिंदी का उस्ताद मानते हैं तो यहां दी गई कुछ मुश्किल और मजेदार पहेलियों को हल करके बताएं। 

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Hindi Diwas 2022 (Pic: iStock)
मुख्य बातें
  • हर वर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है हिंदी दिवस।
  • 14 सितंबर 1949 के दिन हिंदी को बनाया गया था राजभाषा।
  • 14 सितंबर 1953 के दिन पहली बार मनाया गया था हिंदी दिवस।

Hindi Diwas 2022 Speech And Paheliyan (हिंदी दिवस 2022 पर भाषण और पहेलियां हिंदी में): हिंदी हर भारतीय की मान और शान है। सिर्फ हिंदी भाषा में ही हर भारतीय को एक सूत्र के पिरोने की ताकत है। इसे सिर्फ एक भाषा कहना गलत होगा क्योंकि यह एक भावना भी है जो सबको एकता में बांध कर रखती है। हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। 14 सितंबर 1949 वह तारीख है जिस दिन हिंदी को राजभाषा बनाया गया था। आपको बता दें कि, पहली बार हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 के दिन मनाया गया था। यह भाषा बहुत सरल मानी जाती है, लेकिन यह कभी-कभी अच्छे-अच्छों का पसीना छूटा देती है। जो लोग अपने आप को हिंदी का उस्ताद मानते हैं उन्हें नीचे दी गई कुछ मुश्किल और मजेदार पहेलियों को जरूर सुलझाना चाहिए। 

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हिंदी दिवस 2022 पर देखें मुश्किल पहेलियां उत्तर के साथ (Hindi Diwas 2022 Paheliyan With Answers in Hindi)

1. काली है पर काग नहीं,

  लम्बी है पर नाग नहीं।

  बल खाती है ढोर नहीं,

  बाँधते है पर ढोर नहीं।

उत्तर: चोटी

2. काले वन की रानी है,

   लाल-पानी पीती है।

उत्तर: खटमल

3. अपनों के ही घर ये जाये,

  तीन अक्षर का नाम बताये।

  शुरू के दो अति हो जाये,

  अंतिम दो से तिथि बताये।

उत्तर: अतिथि

4. बीमार नहीं रहती,

   फिर भी खाती है गोली।

   बच्चे, बूढ़े डर जाते,

   सुन इसका बोली।

उत्तर: बंदूक

5. एक पहेली मैं बुझाऊँ,

   सिर को काट नमक छिड़काउ

उत्तर: खीरा

6. एक झाड़ी में तीस डाली,

   आधी सफेद, आधी काली।

उत्तर: महीने के दिन और रात

7. ऐसा कौन-सा अंधेरा है,

    जो रोशनी से बनता है।

उत्तर: परछाई

8. ऐसा क्या है?

   जिसे हम छू तो नहीं सकते है,

   पर देख सकते है।

उत्तर: सपना

9. बोल नहीं पाती हूँ मैं,

   और सुन नहीं पाती।

   बिन आँखो के हूँ अंधी,

   पर सबको राह दिखाती।

उत्तर: पुस्तक/किताब

10. खाते नहीं चबाते लोग,

     काटने में कड़वा रस निकले,

     दांत जीभ की करे सफाई,

     बोलो बात समझ में आई।

उत्तर: दांतुन

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11. चार ड्राइवर एक सवारी,

     उसके पीछे जनता भारी।

उत्तर: मुर्दा

12. मैं मरूं या मैं कटु,

    तुम्हें क्यों आंसू आए।

उत्तर: प्याज

13. काला मुंह लाल शरीर,

     कागज को वह खाती।

     रोज शाम को फाड़कर,

     कोई उन्हें ले जाए।

उत्तर: लेटर बॉक्स

14. हरी डंडी, लाल कमान,

      तौबा,तौबा करे इंसान।

उत्तर: मिर्च

15. तीन अक्षर का मेरा नाम,

     उल्टा-सीधा एक समान।

     बातों क्या है मेरा नाम।

उत्तर: जहाज

16. पानी से निकला दरख्त एक,

     पात नहीं पर डाल अनेक।

     एक दरख्त की ठंडी छाया,

     नीचे एक बैठ न पाया।

उत्तर: फुहारा

17. हमने देखा अजब एक बन्दा,

     सूरज के सामने रहता ठंडा।

     धुप से जरा नहीं घबराता,

     सूरज के तरफ मुँह लटक जाता।

उत्तर: सूरजमुखी

18. परत-परत पर जमा हुआ है,

      इसे ज्ञान की जान।

      बस्ता खोलोगे तो इसको,

      जाओगे तुम पहचान।

उत्तर: किताब

19. काला हण्डा,सफ़ेद भात,

     ले लो भाई हाथों-हाथ।

उत्तर: सिंघाड़ा

20. हाथी, घोडा, ऊँट नही,

      खाए न दाना,घास।

     सदा ही धरती पर चले,

     होता ना कभी निराश।

उत्तर: साइकल

21. मैं हरी, मेरे बच्चे काले,

     मुझको छोड़,मेरे बच्चे खाले।

उत्तर: इलायची

22. चार है रानियां और एक है राजा,

       हर एक काम में उसका साझा।

उत्तर: अंगूठा और अंगुलियां

23. कान मोड़ो तो मैं पानी दूँगा,

     इसका मैं कोई दाम भी नहीं लूगा।

उत्तर: नल

24. आते-जाते ये दुःख है देते,

     बीच में दते आराम।

     कड़ी-दृष्टि रखना इन पर,

     सदा सुबह और शाम।

उत्तर: दांत

25. यह हमको देती आराम,

      यह ऊंची तो ऊँचा नाम।

      बड़े-बड़े लोगो को देखा,

      इसके लिए होता संग्राम

उत्तर: कुर्सी

26. जा को जोड़ने पर बने जापान,

      बड़े-बड़ों के मुंह का यह शान।

उत्तर: पान

29. गिन नहीं सकता कोई,

     है तुझसे ही रूप।

     दिमाग को ढके रखता,

     सर्दी, बरसात और धुप में।

उत्तर: सर का बाल

30. तुम मेरे पीठ पर बैठो,

     मैं तुम्हे आकाश का सैर कराऊंगा।

उत्तर: हवाई जहाज

31. रंग बिरंगी मेरी काया है,

      बच्चों का मुझ भाया है।

      धरा चला मुझको भाया है

      मुरली उधर न लाया है,

      फिर भी नाद सुनाया है।

उत्तर: लट्टू

32. ऐसा कौन सा फूल है, 

      जिसमें ना ही रंग है ना ही खुशबू।

उत्तर: अप्रैल फूल