- उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने कांग्रेस की बस राजनीति पर गलत ठहराया
- कोर्ट ने कहा- कांग्रेस का सरकार को बस देने का कोई औचित्य नहीं
- कांग्रेस द्वारा 1000 बस देने का मामला बीते महीने गरमाया था
रीना सिंह। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू को जमानत पर रिहा करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने कांग्रेस की बस राजनीति पर प्रश्न चिन्ह लगाया। कोर्ट ने टिप्पणी की कि जब दुनिया वैश्विक महामारी के संकट से जूझ रही है तब कांग्रेस पार्टी नागरिकों के हितों की चिंता करने की बजाए शासन से उलझ रही है।
क्या कहा न्यायालय ने?
उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच के न्यायधीश अताउ रहमान मसूदी ने साफ़ तौर पर कहा कि कोविड 19 के समय देश के प्रधानमंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री लोगों से आर्थिक सहायता की मांग कर रहे हैं, लेकिन देश के किसी भी राज्य में परिवहन सेवाओं के लिए कोई भी सरकार लोगों से मांग नहीं कर रही है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी उन सेवाओं को देने के लिए सरकार से लड़ रही है, जो वो जरूरतमंदों तक सीधा पहुंचा सकती है। माननीय न्यायधीश ने साफ़ शब्दों में कहा कि कांग्रेस के इस प्रकरण से कोरोना जैसी विपत्ति के समय में उनसे किसी की भी मदद नहीं हुई है। उच्च न्यायालय का ऐसा कहना कांग्रेस पार्टी की नीयत और प्रियंका वाड्रा के सोशल मीडिया के ड्रामे पर प्रश्न चिन्ह लगाता है।
संवेदनशील परिस्थितियों का उड़ाया मज़ाक
कोरोना वैश्विक महामारी के कठिन समय में भी प्रदेश कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने ओछी राजनीति कर श्रमिक मजदूरों की संवेदनशील परिस्थितियों का मज़ाक उड़ाया है। यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी का वर्चस्व समाप्त होता जा रहा है। लोग अब समझने लगे हैं कि कैसे कांग्रेस ने 65 वर्षों तक अपने हितों एवं स्वार्थ के लिए देश को खोखला करने का अथाह प्रयास किया। अगर हम आज गरीब श्रमिकों की मजबूरी देखें तो मालूम चलेगा कि कहीं न कहीं इसकी जिम्मेदार कांग्रेस ही हैं।
अमीर गरीब का फासला दूर नहीं कर सकी कांग्रेस
देश की आज़ादी से पहले से ही नेहरू-गांधी विदेशी समाज तथा देश-विदेश के कानून की जानकारी रखते थे। उस समय में विदेशों से शिक्षित होने के बावजूद भी आज़ादी के बाद भारत में ऐसी सामाजिक सुरक्षा प्रणाली की नीव क्यों नहीं रखी गई, जिससे गरीबों तथा अमीरों में फासला कम हो तथा गरीबों को अच्छा जीवन जीने का मौका मिले। ऐसा कहना गलत न होगा कि कांग्रेस के सूबेदारों को कभी देश के गरीब की चिंता ही नहीं थी। जो गरीब श्रमिक रोटी की खोज में आज अपने गांव से पलायन कर दूसरी जगह मजदूरी कर अपना जीवन निर्वाह कर रहा हैं, उसके लिए साफ़ तौर पर कांग्रेस और बरसों पुरानी उनकी खोखली नीतियां ज़िम्मेदार हैं।
भाजपा ने साधा निशाना
कांग्रेस की बस राजनीति पर न्यायालय की टिप्पणी के बाद भाजपा ने भी निशाना साधा है। उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन कहते हैं कि प्रियंका जी, कोर्ट का आदेश पढ़ा तो होगा आपने। बस वाले मुद्दे पर आपकी कांग्रेस पार्टी ने जो अराजकता मचाई थी उसके लिए कोर्ट ने आपकी पार्टी को फटकार लगाई है। आपने हमारे मजदूर भाईयों के जज्बातों से जो खिलवाड़ किया है। आप माफी कब मांगेंगी?
(लेखिका रीना सिंह, सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता हैं।)