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Keshav Prasad Maurya : यूपी से बड़ी खबर, फिर डिप्टी CM बन सकते हैं केशव प्रसाद मौर्य    

Updated Mar 22, 2022 | 13:14 IST

Keshav Prasad Maurya News : भारतीय जनता पार्टी (BJP) को एक बार फिर यूपी में डिप्टी सीएम बना सकती है। सूत्रों का कहना है कि यूपी चुनाव की भाजपा की जीत में पिछड़ी जातियों का बड़ा योगदान रहा है। ऐसे में पार्टी वोट बैंक का संतुलन बनाकर रखना चाहती है।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
यूपी में फिर डिप्टी सीएम बन सकते हैं केशव प्रसाद मौर्य।
मुख्य बातें
  • 25 मार्च को दूसरी बार सीएम पद की शपद लेंगे योगी आदित्यनाथ
  • खूब सोच-विचारकर भाजपा ले रही यूपी सरकार से जुड़ा हर फैसला
  • यूपी में ओबीसी वोटरों को देखते हुए फिर डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं मौर्य

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में 25 मार्च का दिन ऐतिहासिक होने वाला है। इस दिन योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण करेंगे। इस बीच, सूत्रों के हवाले से एक बड़ी खबर यह भी आई है कि सिराथू से चुनाव हारने के बावजूद केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। टाइम्स नाउ नवभारत को सूत्रों ने बताया है कि यूपी में अगली सरकार से जुड़ा हर एक फैसला भाजपा काफी सोच-विचारकर उठा रही है। वह चुनाव के लिहाज से कोई गलती नहीं करना चाहती। 

यूपी की राजनीति में ओबीसी समुदाय का है बड़ा रोल

केशव प्रसाद मौर्य ओबीसी बिरादरी के बड़े नेता हैं। यूपी चुनाव में भाजपा को मिली जीत में पिछड़ी जातियों की बड़ी भूमिका रही है। पार्टी इस अहमियत को समझती है। इसलिए पार्टी दोबारा केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम पद देना चाहती है। सूत्र यह भी कहते हैं कि दिनेश शर्मा को भी डिप्टी सीएम पद पर बनाए रखा जा सकता है।

वोटबैंक का समीकरण बिगाड़ना नहीं चाहती भाजपा
दरअसल, केशव प्रसाद मौर्य के लिए यूपी में किसी विधायक को अपनी सीट खाली नहीं करनी पड़ेगी। यहां उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया जा सकता है। पार्टी यूपी में जातिगत समीकरण को बिठाकर रखना चाहती है। वह केशव प्रसाद मौर्य को नजरंदाज कर पिछड़ी जातियों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती। 

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कड़े मुकाबले में पल्लवी पटेल ने हराया
मौर्य सिराथू सीट से चुनाव मैदान में थे। इस सीट पर उनका मुकाबला सपा गठबंधन की उम्मीदवार पल्लवी पटेल से था। इस सीट पर दोनों उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। इस सीट पर उन्होंने मौर्य को करीब सात हजार मतों से पराजित किया। मौर्य की हार भाजपा के लिए एक बड़ा झटका मानी गई। चुनाव में मिली हार के बावजूद सियासी गलियारे में चर्चा थी कि भाजपा मौर्य को केंद्र में बुला सकती है या उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।

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