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Lucknow News: यूपी में 5 प्रतिशत तक बढ़ सकती है प्राइवेट स्कूलों की फीस, सरकार ने दी मंजूरी

Updated Apr 10, 2022 | 16:20 IST

Lucknow News: उत्तर प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की फीस 5 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। फीस बढ़ोतरी के लिए नवीनतम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को आधार मानकर वृद्धि की जाएगी।बीते दो शैक्षिक सत्रों में कोविड के कारण फीस नहीं बढ़ाई गई थी। अब वर्तमान शैक्षिक सत्र 2022-23 से फीस बढ़ने से अभिभावकों की जेब पर बोझ बढ़ेगा।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
फीस बढ़ाने की पाबंदी हटी 
मुख्य बातें
  • कोरोना के कारण निजी स्कूलों की शुल्क वृद्धि पर लगाई गई रोक हटाई गई
  • शैक्षिक सत्र 2022-23 से फीस बढ़ने से अभिभावकों की जेब पर बोझ बढ़ेगा
  • फीस बढ़ोतरी के लिए नवीनतम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को आधार माना जाए

Lucknow News: उत्तर प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों पर कोरोना के कारण निजी स्कूलों की शुल्क बढ़ोतरी पर लगाई गई रोक हटा ली गई है। बीते दो शैक्षिक सत्रों वर्ष 2020-21 और वर्ष 2021-22 में कोविड के कारण फीस नहीं बढ़ाई गई थी। अब वर्तमान शैक्षिक सत्र 2022-23 से फीस बढ़ने से अभिभावकों की जेब पर बोझ बढ़ेगा। 

प्रदेश सरकार ने कोरोना के कारण प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ोतरी पर लगाई गई रोक हटा ली है. हालांकि, सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सालाना फीस में 5 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी न की जाए।

अब राज्य सरकार की तरफ से जारी किए गए पत्र में बताया गया है कि कोरोना के कारण पैदा हुई समस्याओं और परेशानियों के कारण लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था, जिसमें छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को रोजगार में दिक्कत आने लगी थी और स्कूलों में फीस जमा करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था।

इस तरह से होगी फीस में बढ़ोतरी

इसी के चलते पहली बार शैक्षणिक संस्थानों में फीस न बढ़ाए जाने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन अब कोरोना महामारी के हालात सामान्य हो रहे हैं, इसलिए फीस में इजाफा किया जा सकता है। हालांकि, शासन की तरफ से जारी किए गए पत्र में बताया गया कि सालाना फीस में 5 फीसदी से अधिक फीस की वृद्धि न की जाए. प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों को फीस वृद्धि की गणना वर्ष 2019-20 की फीस को आधार मानकर होगी। 

माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला नेइस बाबत शासनादेश जारी किया है. इसमें प्राइवेट स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे शैक्षिक सत्र 2022-23 में फीस बढ़ोतरी के लिए नवीनतम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को आधार मानें और इसमें वर्ष 2019-2020 की फीस में अधिकतम पांच प्रतिशत की वृद्धि कर इसे जोड़ लें।

ज्यादा फीस बढ़ाई तो होगी कार्रवाई

इस समय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 5.06 प्रतिशत है और इसमें 5 प्रतिशत जोड़ने पर कुल बढ़ोतरी 10.06 प्रतिशत हो जाएगी. सरकार का यह आदेश राज्य में चल रही सभी शिक्षा बोर्डों के वित्त विहीन विद्यालयों पर लागू होगा। फीस बढ़ोतरी के लिए नवीनतम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को आधार माना जाए। अगर किसी स्कूल ने ज्यादा फीस बढ़ाई तो कार्रवाई होगी। 

यूपी में प्राइवेट स्कूलों के बीते दो शैक्षिक सत्रों वर्ष 2020-21 और वर्ष 2021-22 में कोविड के कारण फीस नहीं बढ़ाई गई थी। अब वर्तमान शैक्षिक सत्र 2022-23 से फीस बढ़ने से अभिभावकों की जेब पर बोझ बढ़ेगा। उन्हें अब ज्यादा फीस देनी होगी। बीती सात जनवरी 2022 को कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए इस सत्र में भी फीस बढ़ाने पर रोक लगाई गई थी लेकिन अब इसे हटा लिया गया है। 

नवीनतम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को आधार माने

अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला की ओर से फीस बढ़ोतरी के आदेश जारी कर दिए गए हैं। स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वह शैक्षिक सत्र 2022-23 में.फीस बढ़ोतरी के लिए नवीनतम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को आधार माना जाए। अगर किसी विद्यार्थी की मासिक फीस 1000 रुपये है तो उसमें 100 रुपये की वृद्धि होगी। यानी अब उसे प्रति माह 1100 रुपये फीस देनी होगी। 

उत्तर प्रदेश स्वावित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियम) अधिनियम 2018 की धारा- 4 (2) अंतर्गत शुल्क बढ़ोतरी के इस निर्धारित फार्मूले का पालन सख्ती से करना होगा। अगर किसी स्कूल ने ज्यादा फीस बढ़ाई तो कार्रवाई होगी। अगर कोई स्कूल ज्यादा फीस वसूलता है तो अभिभावक जिला शुल्क नियामक समिति से शिकायत की जा सकती हैं। 

फीस बढ़ाने की पाबंदी हटी 

वर्तमान सत्र 2022-23 में अभिभावकों को अब ज्यादा फीस देनी होगी। सात जनवरी 2022 को कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए इस सत्र में भी सरकार ने फीस बढ़ाने पर रोक लगा दी थी। सब कुछ ठीक देखकर अब इस पाबंदी को हटा लिया गया है।

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