- चारबाग स्टेशन का विक्टोरियन स्टाइल में निखरेगा लुक
- 1800 करोड़ रुपये होंगे खर्च, स्टेशन का हुआ सर्वे
- डिजिटल म्यूजियम से रेलवे के इतिहास से जुड़े रोचक किस्सों की जानकारी मिलेगी
Lucknow Charbagh Station: लखनऊ के चारबाग स्टेशन को विक्टोरियन स्टाइल में निखारा जाएगा। पहले चरण में डिवाइडर पर विक्टोरियन समय का खूबसूरत लैपपोस्ट लगाया जा चुका है। यहां विक्टोरियन स्टाइल के टेलीफोन बूथ भी शो के लिए लगेंगे और बड़े-बड़े फानूसों से हॉल सजाए जाएंगे। चारबाग स्टेशन के पुनर्विकास के लिए रेल लैंड डेवपमेंट अथॉरिटी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस पर करीब 1800 करोड़ खर्च होंगे। इसके लिए पूजा-पाठ के साथ स्टेशन का सर्वे भी किया जा चुका है।
स्टेशन पर पुराने शौचालय तोड़कर उसकी जगह अंग्रेजों के समय चलने वाले हेरिटेज स्टीम इंजन को लगाए जा चुके हैं और डिवाइडर को विक्टोरियन समय की लाइटों से गुलजार किया गया है।
प्रवेश द्वार के पास बना डिजिटल म्यूजियम
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि डिवाइडर को ऐसे बनाया जा रहा है कि लोग उस पर बैठ न सके, ताकि हादसे न हों। स्टेशन पर अवधी स्थापत्य कला के नमूने दिखाती पेंटिंगों को लगाया गया है। वहीं, लखनऊ जंक्शन स्टेशन के प्रवेश द्वार के पास डिजिटल म्यूजियम बनाया गया है, जहां रेलवे के इतिहास से जुड़े रोचक किस्सों से रूबरू होने का मौका मिल रहा है। राजधानी के अन्य छोटे स्टेशनों पर भी इन्हें लगाने की तैयारी है।
विक्टोरियन स्टाइल को यूं समझें
विक्टोरियन वास्तुकला 19वीं सदी के मध्य से अंत तक की स्थापत्य शैलियों में से है। यह रानी विक्टोरिया के शासनकाल को दर्शाती है, जिसे विक्टोरियन युग कहा जाता है। उस अवधि के दौरान विक्टोरियन के रूप में किए जाने वाले निर्माण कार्यों, उनकी डिजाइन व वास्तुकला को विक्टोरियन स्टाइल के नाम से जाना जाता है। हजरतगंज में लगी लाइटें भी विक्टोरियन स्टाइल की हैं।
चारबाग रेलवे स्टेशन पर लगेंगे कोच गाइडेंस सिस्टम
वहीं, लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को अब अपनी ट्रेन की बोगी की जानकारी आसानी से मिलेगी। यात्रियों को बोगी का पता करने के लिए इधर से उधर भटकना नहीं पड़ेगा। इसके लिए चारबाग स्टेशन पर कोच गाइडेंस सिस्टम लगेंगे। प्लेटफार्म नंबर एक पर कोच गाइडेंस सिस्टम लग चुका है, जबकि जुलाई तक प्लेटफार्म नंबर चार और पांच पर भी कोच गाइडेंस सिस्टम लगा दिए जाएंगे। प्लेटफॉर्म नंबर छह और सात पर भी कोच गाइडेंस सिस्टम लगेंगे।