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Lucknow KGMU Hospital: लखनऊ की जनता पर पड़ेगा असर, अब केजीएमयू में 10 फीसदी महंगा हो जाएगा इलाज

Updated Jun 19, 2022 | 20:10 IST

Lucknow KGMU Hospital: लखनऊ के केजीएमयू में 10 फीसदी तक इलाज महंगा हो जाएगा। इसके लिए हॉस्पिटल बोर्ड में प्रस्ताव पास हो गया है। अब कार्य परिषद की बैठक में इन प्रस्तावों को रखा जाएगा।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
लखनऊ केजीएमयू हॉस्पिटल
मुख्य बातें
  • लखनऊ के केजीएमयू में हो रही बड़ी तैयारी
  • केजीएमयू में 10 फीसदी महंगा होगा इलाज
  • लखनऊ की जनता पर पड़ेगा असर

Lucknow KGMU Hospital: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की जनता के लिए इलाज कराना अब और महंगा हो जाएगा। केजीएमयू के ओपीडी में परामर्श के लिए पंजीकरण शुल्क दोगुना करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। यही नहीं अन्य इलाज की फीस भी 10 प्रतिशत बढ़ाई जाने की तैयारी की जा रही है। बताया गया कि, ये प्रस्ताव केजीएमयू के हॉस्पिटल बोर्ड में पास हो गए हैं। अब इन्हें कार्य परिषद में पेश किया जाएगा, जहां इन्हें अंतिम मंजूरी मिलने की पूरी संभावना है। वहीं मंजूरी मिलते ही लखनऊ की जनता को इलाज कराना महंगा पड़ेगा।

बता दें कि, वर्तमान समय में केजीएमयू की ओपीडी में पर्चे का शुल्क मात्र एक रुपये है। वहीं इससे पहले मरीजों से पंजीकरण के नाम पर 50 रुपये लिए जाते हैं। प्रस्ताव पास होने के बाद अब यह शुल्क 100 रुपये कर दिया जाएगा। यह पंजीकरण केवल छह महीने के लिए ही मान्य होगा। अगर छह महीने बाद इलाज के लिए कोई हॉस्पिटल आता है तो उसे दोबारा से 100 रुपये देकर पंजीकरण कराना होगा। हॉस्पिटल बोर्ड का कहना है कि, विवि की आय बढ़ाने के लिए यह कदम उठाना बहुत जरूरी है।  

प्राइवेट कमरों का किराया 700 रुपये तक बढ़ जाएगा

कार्य परिषद में प्रस्ताव पास होने बाद प्राइवेट कमरों का किराया 700 रुपये तक बढ़ जाएगा। केजीएमयू में इस समय प्राइवेट कमरे का किराया 1800 रुपये है। वहीं नए प्रस्ताव में कार्डियोलॉजी विभाग के प्राइवेट कमरों का किराया 2500 रुपये करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके अलावा प्लास्टिक सर्जरी विभाग के आईसीयू में भी मरीजों को शुल्क चुकाने का प्रस्ताव हॉस्पिटल बोर्ड की बैठक में पास किया गया है। 

अब 22 जून को होगी कार्यपरिषद की बैठक 

हॉस्पिटल बोर्ड की बैठक में ये प्रस्ताव पास होने के बाद अब 22 जून को कार्य परिषद की बैठक में रखे जाएंगे। इस बैठक में विभिन्न विभागों के नियुक्ति संबंधी लिफाफे खोलने पर भी दोबारा चर्चा की जाएगी। बताया गया कि, कार्य परिषद ने इससे पहले इन विभागों के लिफाफे आरक्षण के प्रावधान का पालन न होने कारण खोलने से मना कर दिया था। वहीं हाईकोर्ट और राजभवन के हस्ताक्षेप के बाद एक बार फिर से यह मामला कार्य परिषद में रखा जाएगा।

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