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'इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग' की मदद से रोजगार बढ़ाने पर CM योगी का जोर

Yogi Adityanath
Updated Jun 13, 2020 | 11:25 IST

सीएम योगी आदित्‍यनाथ हर उस दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, जहां से प्रदेश के लोगों के ल‍िए रोजगार के मौके बनाए जा सकें। यही वजह है कि वह 'इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग' के जरिए रोजगार के अवसर सृजित करना चाहते हैं।

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Yogi Adityanath
मुख्य बातें
  • कोरोना काल में 25 लाख से अधिक प्रवासी लौटे यूपी
  • सीएम योगी का प्रयास, हर हाथ को यूपी में म‍िले काम
  • पूर्वांचल और बुंदेलखंड के विकास पर व‍िशेष फोकस 

कोरोना काल में 25 लाख से अधिक प्रवासी कामगार देश के अन्‍य राज्‍यों से उत्‍तर प्रदेश आए हैं। इनमें श्रमिक, दिहाड़ी मजदूर, छोटे दुकानदार और नौकरीपेशा वाले ऐसे लोग भी शामिल हैं जिनका रोजगार कोरोना ने छीन लिया। यह श्रमिक सकुशल उत्‍तर प्रदेश आ तो गए हैं, लेकिन इनकी परेशानियां अभी दूर नहीं हुई हैं। इन लाखों लोगों के सामने भविष्‍य में अपनी रोजीरोटी चलाने की चिंता पर्वत की तरह खड़ी है जिसको पिघलाने का जिम्‍मा उठाया है राजनैतिक महत्‍व और जनसंख्‍या की दृष्टि से सबसे बड़े सूबे उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने। 

उत्तर प्रदेश सरकार इन सभी प्रवासियों को रोजगार देने की दिशा में व्‍यापक स्‍तर पर रूपरेखा बनाकर काम कर रही है। कुछ ही वक्‍त पहले एमएसएमई और कई उद्यमी संगठनों के बीच करार के द्वारा 11.5 लाख प्रवासी कामगारों को रोजगार देने का काम योगी सरकार ने किया। अब 15 जून से शुरू होने वाले रोजगार पखवाड़ा के पहले ही दिन ग्राम्य विकास विभाग मनरेगा के तहत 15 लाख नए मजदूरों को काम देने की तैयारी कर ली गई है। इतना ही नहीं, मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने आगामी छह महीनों में रोजगार के 20 लाख से अधिक अवसर तैयार करने का निर्देश दे दिया है। 

'इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग' पर जोर

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ 'इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग' के जरिए प्रदेश के सभी अंचलों में रोजगार के अवसर सृजित करना चाहते हैं। इसी उद्देश्य से इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी-2020 का प्रस्‍तुतिकरण किया गया। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि ऐसी पॉलिसी तैयार की जाए जिससे निवेशकों को यह संदेश मिले कि यूपी का आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग निवेश को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्‍होंने कहा कि पॉलिसी आकर्षित करने वाली और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित करने वाली होनी चाहिए। प्रदेश में ही रोजगार के अवसर मिलने पर यहां के कामगार/श्रमिक दूसरे राज्यों में काम ढूंढ़ने नहीं जाएंगे। इससे लेबर माइग्रेशन की समस्या उत्पन्न नहीं होगी। 

पूर्वांचल और बुंदेलखंड के विकास पर फोकस 

मुख्‍यमंत्री ने यह भी साफ किया कि प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए हमें अपने वित्तीय संसाधन बढ़ाने होंगे। पूर्वांचल, मध्यांचल, बुंदेलखंड इत्यादि क्षेत्रों में लगने वाली इकाइयों को अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। इसी लिए इस पॉलिसी में पूर्वांचल, मध्यांचल, बुंदेलखंड जैसे क्षेत्रों पर विशेष रूप से फोकस किया जाए। उन्‍होंने कहा कि वर्तमान में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर कार्य चल रहा है। इसके अलावा, गंगा एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे तथा कई अन्य एक्सप्रेस-वे प्रस्तावित हैं। इन एक्सप्रेस-वेज़ के दोनों ओर इकाइयां स्थापित करने की दिशा में प्रोफेशनल ढंग से कार्य किया जाए।

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