नई दिल्ली: दानिश आजाद (Danish Azad) योगी आदित्यनाथ की सरकार में इकलौते मुस्लिम मंत्री बने हैं, दानिश भाजपा से जुड़े छात्र संगठन यानी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (AVBP) के कार्यकर्ता रहे। पिछले साल उत्तर प्रदेश सरकार में भाषा समिति के सदस्य दानिश आजाद को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी देते हुए भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश महामंत्री का पद दिया था।
दानिश आजाद योगी कैबिनेट के सबसे युवा मंत्रियों में शुमार हो गए हैं,बलिया जनपद के निवासी दानिश आजाद लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं उन्होंने लगातार अल्पसंख्यक समाज व युवाओं में अपनी सक्रियता दिखाई है।
दानिश अभी उत्तर प्रदेश में किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं
दानिश आजाद के साथ एक खास बात ये है कि वो अभी उत्तर प्रदेश में किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं, और मंत्री पद पर बरकरार रहने के लिए उन्हें विधानसभा या विधान परिषद में से किसी एक की सदस्यता लेनी होगी।
युवाओं के बीच माहौल बनाया खासतौर पर मुस्लिम युवाओं के बीच
छात्र राजनीति से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाले दानिश आजाद ने लखनऊ विश्विद्यालय से बीकॉम और फिर मास्टर ऑफ क्वालिटी मैनेजमेंट व मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है। दानिश जनवरी 2011 में भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए फिर दानिश ने खुलकर एबीवीपी के साथ-साथ भाजपा और आरएसएस के लिए युवाओं के बीच माहौल बनाया खासतौर पर मुस्लिम युवाओं के बीच अलग ही पहचान बनाई।
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मोहसिन रजा इस बार कैबिनेट से आउट
बीजेपी ने एक भी मुसलमान को विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया लेकिन मंत्रिमंडल में बलिया जिले के बसंतपुर गांव निवासी निवासी दानिश आजाद अंसारी को राज्यमंत्री के बतौर शामिल किया गया है। पिछली योगी सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री, मुस्लिम वक्फ और हज मंत्री मोहसिन रजा को इस बार कैबिनेट से आउट कर दिया गया।
चुनाव से पहले अक्टूबर 2021 में दानिश को मिली बड़ी जिम्मेदारी
दानिश 2018 में फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी के सदस्य रहे बाद में उन्हें उर्दू भाषा समिति का सदस्य बना दिया गया, इस बार चुनाव से पहले अक्टूबर 2021 में दानिश को बड़ी जिम्मेदारी मिल गई। भाजपा ने अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री पद की जिम्मेदारी दे दी थी।