- परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद भाजपा ने उद्धव सरकार पर हमला तेज कर दिया है
- महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने गृह मंत्री देशमुख के इस्तीफे की मांग की है
- राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने कहा है कि यह मामला गंभीर है और इसकी जांच होनी चाहिए
मुंबई : एंटीलिया बम केस मामले की आंच महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख तक पहुंचने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता शरद पवार ने इस केस की जांच में जूलियो रिबेरो की मदद लेने की बात कही है। राकांपा नेता ने रविवार को दिल्ली में कहा कि वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को रिबेरो की मदद लेने के लिए सलाह देंगे। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने उद्धव को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि देशमुख ने सचिन वाजे को हर महीने उनके लिए 100 करोड़ रुपए वसूलने का टार्गेट दिया था। सिंह के इस आरोप के बाद भाजपा गृह मंत्री का इस्तीफा मांग रही है। मामले में देशमुख का नाम आने के बाद महाराष्ट्र सरकार पर दबाव आ गया है।
कौन हैं जूलियो रिबेरो
रिबेरो मुंबई के पुलिस कमिश्नर रह चुके हैं। गुजरात और पंजाब के वह पूर्व डीजीपी हैं। गत 18 मार्च को उन्होंने वाजे और एंटीलिया मामले में कई गंभीर सवाल उठाए। पुलिस सेवा में उत्कृष्ट सेवा देने के लिए उन्हें साल 1987 में पद्म विभूषण अवार्ड से सम्मानित किया गया। रिबेरो सीआरपीएफ के महानिदेश भी रह चुके हैं। इनकी पहचान तस्कर माफियाओं पर लगाम कसने वाले एक सख्त अधिकारी के रूप में रही है।
जांच में शामिल नहीं होंगे रिबेरो
'इंडियन एक्सप्रेस' से बातचीत में रिबेरो ने कहा, 'इस मामले में यदि मुझसे जांच करने के लिए कहा गया तो मैं इससे इंकार कर दूंगा। मैं अब 92 साल का हूं। इस तरह के मामले की जांच करने की क्षमता अब मेरे पास नहीं है। फिर भी यदि मैं जांच करने में सक्षम भी रहूं तो मैं इस केस को हाथ में लेने से इंकार कर दूंगा क्योंकि यह बहुत ही संदेहास्पद मामला है और यह मेरे जैसे आदमी के लिए नहीं है।' रिबेरो ने कहा कि शरद पवार को 'सभी चीजें पता हैं'। उन्हें देशमुख के खिलाफ जांच करानी चाहिए। यह पूछे जाने पर क्या वह इस मामले की जांच के लिए किसी अधिकारी की सिफारिश करेंगे। इस पर पूर्व पुलिस अधिकारी ने कहा कि वह किसी के नाम की सिफारिश का इरादा नहीं रखते हैं।
राकांपा प्रमुख ने सुझाया रिबेरो का नाम
एंटीलिया बम मामले में देशमुख का नाम आने के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। शिवसेना ने देशमुख को गृह मंत्री पद से हटाने से इंकार किया है। जबकि दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राकांपा प्रमुख ने कहा कि इस मामले की विस्तृत जांच होनी चाहिए और उन्होंने रिबेरो का नाम सुझाया। पवार ने कहा, 'जूलियो रिबेरो की विश्वसनीयता इस तरह है कि मामले की जांच में कोई भी दखल या अपने प्रभाव का इस्तेमाल नहीं कर सकता।'
परमबीर सिंह की चिट्ठी पर सवाल उठाए
सिंह के पत्र की सत्यता पर सवाल उठाते एनसीपी चीफ ने कहा कि गृहमंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। परमबीर की चिट्ठी पर किसी के हस्ताक्षर नहीं हैं। साथ ही लेटर में कहीं भी जिक्र नहीं किया गया है कि पैसा किसके पास गया। पवार ने चिट्ठी की टाइमिंग पर भी सवाल उठाए हैं। राकांपा प्रमुख ने कहा कि सिंह के आरोपों के कारण एमवीए सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन वे सफल नहीं होंगे।