- पांच गांवों को डीएनजीआइआर से हटाया गया
- 12 अतिरिक्त गांवों को अधिसूचित किया जाएगा
- नोएडा प्राधिकरण वित्तीय वर्ष 2022-23 में 4,880 करोड़ रुपये खर्च करेगा
Noida City Developement Plan : नोएडा को बेस्ट सिटी बनाने का प्लान तैयार है। दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआइआर) दुनिया का बेस्ट इन्वेस्टमेंट सिटी होगा। इसके लिए सैटेलाइट इमेज के आधार पर 12 और गांवों को शामिल (अधिसूचित) किया जा रहा है। वहीं पांच गांव काफी दूर और अलग थे, जिनको डीएनजीआइआर से हटा दिया गया है।
प्राधिकरण ने 204 वीं बोर्ड बैठक में सदस्यों के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। जिसे मंजूरी देकर शासन को भेज दिया गया है। बता दें कि, डीएनजीआइआर को 210 वर्ग किमी क्षेत्र में बसाया जाएगा। यहां किसानों से लैंडपूल के जरिये जमीन अधिगृहीत की जाएगी।
12 अतिरिक्त गांवों को अधिसूचित करने का प्रस्ताव हुआ था तैयार
डीएनजीआइआर के मास्टर प्लान 2041 के लिए नई दिल्ली की एसपीए और प्राधिकरण के बीच 9 सितंबर 2021 को एमओयू साइन किया गया था। एसपीए की ओर से सैटेलाइट इमेज के जरिये सुपर इंपोज किया गया तो पाया कि, अधिसूचित गांव एक नियोजन क्षेत्र नहीं बन पा रहा है। इस संबंध में 18 नवंबर 2021 को एक बैठक कर 12 अतिरिक्त गांवों को अधिसूचित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया। सुझाव दिया गया कि, क्षेत्र की चौड़ाई समनानुपात में हो जाएगी, जिससे सड़कों का नियोजन सही होगा।
ये गांव शामिल किए गए
कौंदू, बरोडाह, जाहिदपुर, नवादा, बाबिया, शहवाजपुर, पचौटा, सैंथली, सलेमपुर कायस्थ, शेरपुर और अंधेल। इनमें से गांव सैंथली के ग्रेटर नोएडा फेज-2 में व 11 ग्राम बुलंदशहर खुर्जा विकास प्राधिकरण में अधिसूचित हैं। एनओसी की कार्यवाही की जा रही है।
आइटी-आइटीईएस और औद्योगिक भूखंडों के आवंटन में संशोधन
आपत्तियों को देख आवंटन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए औद्योगिक भूखंड, संस्थागत विभाग के आइटी-आइटीईएसभू-उपयोग के भूखंड के अलग-अलग क्षेत्रफल श्रेणियों में आवंटन की प्रक्रिया ड्रा और साक्षात्कार की बजाय ई-नीलामी के माध्यम से की जाएगी। साथ ही भूखंड के सापेक्ष देय प्रीमियम का एकमुश्त भुगतान करने पर कुल प्रीमियम पर दो प्रतिशत की छूट दिए जाने का निर्णय लिया गया।
प्राधिकरण अपने खर्चे पर बनाएगा दो मेट्रो को जोड़ने वाला एफओबी
नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन (एनएमआरसी) सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन व डीएमआरसी सेक्टर-52 मेट्रो स्टेशन के मध्य फुट ओवरब्रिज के निर्माण के लिए कंपनी नहीं आने से प्राधिकरण निर्माण खुद करेगा।
बिल्डर का बकाया होगा री-शेड्यूल
नोएडा प्राधिकरण वित्तीय वर्ष 2022-23 में 4,880 करोड़ रुपये खर्च करेगा। यह धनराशि सोमवार को नोएडा प्राधिकरण कार्यालय में आयोजित 204वीं बोर्ड बैठक में पास की गई। बैठक में कुल 50 एजेंडों को प्रस्तुत किया गया, जिसमें से अधिकांश पर सहमति बनी। बैठक की अध्यक्षता नोएडा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अध्यक्ष संजीव मित्तल ने की और मुख्य सचिव अरविंद कुमार आनलाइन बैठक में शामिल हुए। इसके अलावा नोएडा प्राधिकरण सीईओ रितु माहेश्वरी, ग्रेटर नोएडा के सीईओ नरेंद्र भूषण, यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण सीईओ अरुणवीर सिंह, एसीईओ प्रवीन कुमार मिश्र, प्रधान महाप्रबंधक राजीव त्यागी समेत अन्य अधिकारी शामिल रहे।
बोर्ड ने तय किया कि, विकास और योजनाओं पर 4,579 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। इसमें प्रस्तावित योजनाओं को शामिल किया गया है। जिसमें भूमि अधिग्रहण के लिए 500 करोड़, विकास और निर्माण कार्य के लिए 1530 करोड़, ग्रामीण विकास के लिए 125 करोड़, शहरी क्षेत्र के अनुरक्षण, साफ-सफाई और उद्यानीकरण के लिए 978 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
लिए गए ये महत्वपूर्ण निर्णय
- पिछली बोर्ड बैठक में निविदाओं का निस्तारण लोक निर्माण विभाग की प्रक्रिया अनुसार किए जाने का निर्णय लिया गया था। एक अप्रैल 2022 से निविदा अनिवार्य रूप से प्रहरी साफ्टवेयर के माध्यम से आमंत्रित की जाएगी।
- पूर्व में जिस स्थल पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट प्रस्तावित किया गया था, उसके स्थान पर पर्यावरण परीक्षण कराने के उपरांत उच्च तकनीक के कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट परियोजना लाने पर सैद्धांतिक सहमति बनी।
- सेक्टर-151-ए निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय गोल्फ परियोजना, हेलीपोर्ट परियोजना में तकनीकी एवं सुरक्षा कारणों से लेआउट में परिवर्तन के कारण परियोजना के क्षेत्रफल को पूर्व में अनुमोदित 120 एकड़ के स्थान पर 128 एकड़ किए जाने का निर्णय लिया गया।
- चिल्ला रेगुलेटर एलिवेटेड रोड के निर्माण कार्य को शासन स्तर पर निर्णय लिए जाने के लिए संदर्भित करने का निर्णय लिया गया।
इन गांवों को किया गया बाहर
नंगला शेख, बरहाना, निजामपुर बांगर, निजामपुर खादर, देवइयां।
स्ट्रक्चरल आडिट के संबंध में रूपरेखा तैयार
बहुमंजिला भवनों में निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित कराए जाने के लिए स्ट्रक्चरल आडिट के संबंध में रूपरेखा तैयार करने के लिए नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण की उच्चाधिकारियों की एक समिति गठन किए जाने का निर्णय लिया गया।