- नोएडा सुपटेक ट्विन टावर गिराने पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश
- 22 मई को साइंटिफिक तरीके से गिराया जाएगा ट्विन टावर
- प्राधिकरण ने ट्विन टावर गिराने की प्रक्रिया बताई, 9 सेकेंड में गिरेगी बिल्डिंग
Noida Twin Tower Destruction: नोएडा सुपरटेक ट्विन टावर केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नोएडा के सेक्टर-93 स्थित बिल्डिंग को तोड़ने की प्रक्रिया तेज हो गयी है। 22 मई को इस ट्विन टावर को गिराया जाएगा। हालांकि, इसे गिराने का काम अभी भी जारी है, लेकिन इसे पूरी तरह से 22 मई को ध्वस्त कर दिया जाएगा। इस बारे में नोएडा प्राधिकरण और टावर तोड़ने वाली कंपनी एडिफिक ने प्रेसवार्ता कर पूरी प्रक्रिया समझाई।
सीईओ ऋतु माहेश्वरी ने बताया कि, टावर को गिराने का काम लगातार जारी है और एडिफिस कंपनी का एक्शन प्लान अप्रूव हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 22 मई को टावर गिरा दिये जाएंगे।
साइंटिफिक तरीके से गिरेगी टावर
बताया जा रहा है कि, टावर को गिराने की प्रक्रिया साइंटिफिक तरीके से की जाएगी। वही टावर को गिराने की मॉनिटरिंग सीबीआरआई करती रहेगी। मॉनिटरिंग के लिए 12 से 15 विभाग को लूप में रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार फॉलोअप मीटिंग सोमवार को की जाएगी, साथ ही लोगों से अपील है टावर को गिराने पर किसी भी तरह की अफवाह ना फैलाए।
9 सेकेंड में गिरेगी टावर
एडिफिस के पार्टनर उत्कर्ष मेहता ने बताया कि, पूरी बिल्डिंग 9 सेकेंड में गिरा दी जाएगी। इसके लिए विदेशों से 10 इंजीनियर साइट पर बुलाए जाएंगे। विदेशी इंजीनियर ब्लास्ट के लिए डिजाइनिंग तैयार कर रहे हैं, जिसके आधार पर टावर में विस्फोटक लगाए जाएगा। 10 फ्लोर पर बारूद लगाया जाएगा, और इसके साथ बेसमेंट,1 फ्लोर, 2 फ्लोर, 6 फ्लोर, 10 फ्लोर,14 फ्लोर, 18 फ्लोर, 22 फ्लोर, 26 फ्लोर, 30 फ्लोर पर भी बारूद लगेगा। आसपास का इलाका पब्लिक के लिए बंद कर दिया जाएगा, टावर के सामने वाला पार्क आसपास की सोसाइटी और पार्श्वनाथ प्लाजा ट्विन टावर गिराने के समय बंद रहेगे। साथ ही नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को भी आधे घंटे के लिए बंद किया जाएगा।
धूल से बचाएंगे पास की सोसाइटी
टावर गिराने की जगह पर सिर्फ 5 लोग ही अंदर रह सकेंगे, जिसमे दो विदेशी इंजीनियर, एक प्रोजेक्ट मैनेजर, एक पुलिसकर्मी इसमें शामिल होंगे। पास की सोसाइटी में धूल ना जाए, उसके लिए प्रोटेक्शन कवर लगाया जाएगा। ब्लास्ट के बाद पूरे एरिया को चेक किया जाएगा। पास की बिल्डिंग में थाड़ी बहुत धूल जाने के साथ अगर इलाके में बलास्ट के बाद बहुत ज्यादा डस्ट होगी, तो उसको हटाने के लिए नोएडा अथॉरिटी, एडिफिस और आरडब्ल्यूए मिलकर काम करेंगे और इसे 2 से 3 दिन में हटा दिया जाएगा। बराबर में खड़े टावर को बचाने के लिए कंटेनर की मदद से कवर किया जाएगा जिससे की मलबे से उस बिल्डिंग को कोई नुकसान न पहुंचे। वाइब्रेशन को कम करने के लिए इंपैक्ट क्वेश्चन का प्रयोग किया जाएगा।