पटना : बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण की जांच से जुड़े आंकड़ों को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यह मामला पटना, शेखपुरा और जमुई से जुड़ा है, जिसमें पाया गया है कि डेटा प्रोटोकॉल को पूरा करने के लिए मरीजों के नाम, उम्र और मोबाइल नंबर की फर्जी एंट्री की गई। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद कई स्वास्थ्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि दिल्ली से पटना लौटे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
मोबाइल नंबर का घालमेल
कोरोना जांच के आंकड़ों को लेकर जो फर्जीवाड़ा सामने आया है, उसमें कई मरीजों के नाम के आगे एक ही मोबाइल नंबर का उल्लेख है, जबकि कुछ लोगों के नाम के आगे 0000000000 (10 शून्य) तक दर्ज है। जमुई के बरहट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी ऐसा भी गड़बड़झाला सामने आया है, जहां कोरोना जांच के लिए जिन 26 लोगों का जिक्र रिकॉर्ड में है, उनके नाम पर उनके नाम पर एक ही मोबाइल फोन नंबर लिखा हुआ है। हैरानी की बता यह है कि यह उनमें से किसी का भी नंबर नहीं है, बल्कि यह बांका जिले में रहने वाले एक दिहाड़ी कामगार का नंबर बताया जा रहा है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, जमुई के इसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 16 जनवरी को 48 लोगों की कोरोना जांच का जिक्र रिकॉर्ड में है, लेकिन इनमें से 28 लोगों के नाम के आगे जो मोबाइल नंबर लिखा है, उनमें सिर्फ 0000000000 यानी 10 शून्य लिखा हुआ है। इसी तरह 25 जनवरी को 83 लोगों की कोरोना जांच का रिकॉर्ड है, जिनमें से 46 लोगों के नाम के आगे मोबाइल नंबर के तौर पर इसी तरह 10 शून्य लिखे हुए हैं। जमुई के साथ-साथ शेखपुरा और राजधानी पटना के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में भी डेटा को लेकर इस तरह के फर्जीवाड़े की रिपोर्ट आई है, जिनमें 16, 18, 25 जनवरी की कोरोना जांच एंट्री में फोन नंबर गलत पाए गए हैं।
कई अधिकारी हुए सस्पेंड
मामले के उजागर होने के बाद विपक्ष जहां इस मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ हमलावर तेवर अपनाए हुए है, वहीं प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए कई स्वास्थ्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इस मामले में जमुई के सिविल सर्जन के साथ-साथ जिला प्रोग्राम मैनेजर, डिस्ट्रिक्ट इम्युनाइजेशन ऑफिसर, ब्लॉक हेल्थ मैनेजर को भी निलंबित कर दिया गया है। आंकड़ों में फर्जीवाड़े को लेकर गाज सिकंदरा और बरहट के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारियों पर भी गिरी है और उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
इस बीच दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद बिहार की राजधानी पटना पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस तरह की लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जो भी इस मामले में दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने कहा कि उन्होंने इस पूरे मामले की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से ली है। उन्हें बताया गया है कि जहां से गड़बड़ी की शिकायत आई है, वहां कार्रवाई की गई है। मामले की जांच अभी जारी है और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी इस संबंध में रिपोर्ट भेजी गई है। सीएम ने कहा कि इस तरह की गड़बड़ी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।