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'बहन जी' की एंट्री से बिहार में खड़ा हुआ एक और मोर्चा, कुशवाहा के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी मायावती  

Updated Sep 30, 2020 | 08:04 IST

RLSP-BSP alliance in Bihar Chunav 2020: बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को कहा, 'हमने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी एवं अन्य दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
बिहार में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी मायावती।
मुख्य बातें
  • रालोसपा के साथ मिलकर बिहार विधानसभा चुनाव में लड़ेगी बहुजन समाज पार्टी
  • उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह गठबंधन राज्य की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगा
  • एनडीए और महागठबंधन से उपेंद्र कुशवाहा की नहीं बनी है बात, खड़ा किया नया मोर्चा

पटना : बिहार में चुनावी गतिविधियां काफी तेज हो गई हैं। राजनीतिक दल गठबंधन बनाने से लेकर सीट बंटवारे एवं प्रत्याशियों के चयन को अंतिम रूप दे रहे हैं। चुनाव के बेहद करीब पहुंच चुके राज्य में गठबंधन बनने-बिगड़ने की कवायद भी चल रही है। नए मोर्चे खड़े हो रहे हैं। बिहार के इस चुनाव में अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने एंट्री ले ली है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा की महागठबंधन और एनडीए से बात नहीं बनी है जिसके  बाद उन्होंने बसपा और जनवादी पार्टी सोशलिस्ट (जेपीएस) के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। कुशवाहा का कहना है कि यह मोर्चा राज्य की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगा।

गठबंधन जीता तो सीएम होंगे कुशवाहा-मायावती
इस नए मोर्च के बारे में जानकारी देते हुए मायावती ने मंगलवार को कहा, 'हमने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी एवं अन्य दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस चुनाव में यदि यह मोर्चा जीतता है तो कुशवाहा मुख्यमंत्री बनेंगे।' उन्होंने कहा कि यह गठबंधन बिहार की जनता को बाढ़, गरीबी और बेरोजगारी की समस्या से लोगों को मुक्त करेगा। बसपा सुप्रीमो ने इस चुनाव में लोगों से अपने इस मोर्चे के पक्ष में मतदान करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने राज्य के गरीब, वंचित, किसान और युवा वर्ग की अनदेखी की है।

वीआईपी को भी मोर्चे में शामिल करना चाहते हैं कुशवाहा
चर्चा यह भी है कि कुशवाहा अपने इस नए गठबंधन में मुकेश साहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को शामिल करने की कोशिश में हैं। महागठबंधन से पिछले सप्ताह अपना नाता तोड़ने वाले कुशवाहा के बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने जद-यू और भाजपा दोनों के साथ संपर्क किया था लेकिन एनडीए के साथ कोई समझौता नहीं होने पर उन्हें निराशा हाथ लगी है। एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर लोजपा के साथ अभी भी खींचतान चल रही है। हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (सेक्युलर) की एनडीए में एक महीने पहले वापसी हो चुकी है। राज्य के बसपा संयोजक रामजी गौतम, प्रदेश अध्यक्ष भरत प्रसाद एवें जेपीएस के संजय सिंह चौहान के साथ मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कुशवाहा ने कहा, 'यह गठबंधन सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। हमारा साझा लक्ष्य नीतीश सरकार को सत्ता से बाहर करना है।'

रालोसपा के लिए यह चुनाव काफी अहम
उपेंद्र कुशवाहा के लिए इस बार का चुनाव काफी अहम और चुनौतीपूर्ण है है। उन्होंने गठबंधन की घोषणा कर दी है। अब उनका राजनीतिक भविष्य इस मोर्च के प्रदर्शन पर टीका  रहेगा। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने उजियारपुर सीट से जीत दर्ज की थी लेकिन 2015 के विधानसभा चुनाव में वह कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाए। इस चुनाव में उनकी पार्टी को केवल दो सीटें मिली थीं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले वह महागठबंधन में शामिल हुई और पांच सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाई।

बिहार में सक्रिय रही है जेपीएस 
ओबीसी समुदाय से आने वाले संजय सिंह चौहान की जेपीएस पार्टी का उत्तर प्रदेश के घोसी इलाके में प्रभाव माना जाता है। यह पार्टी 2012 और 2017 के विधानसभा और 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के साथ गठबंधन में रही है। इसके कार्यकर्ता बिहार के बगहा, वाल्मीकि नगर और कैमूर में सक्रिय रहे हैं। बिहार में इस बार कोरोना संकट के बीच तीन चरणों 28 अक्टूबर, 3 और सात नवंबर को मतदान होंगे जबकि चुनाव नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। राज्य में इस बार मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच माना जा रहा है।  

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