- बेली रोड स्थित आईजीआईएमएस में होगी कोरोना के नए वैरिएंट की जांच
- अस्पताल में हुई जीनोम सिक्वेंसिंग की व्यवस्था
- अब पटना से बाहर सैंपल भेजने की नहीं पड़ेगी जरूरत
Patna News: राजधानी पटना में कोरोना से बचाव को लेकर तैयारियां तेज हैं। संक्रमण रोकने के लिए जहां कोविड-19 से जुड़ी सभी गाइडलाइंस का फिर से सख्ती से पालन कराया जा रहा है, वहीं अब कोरोना जांच की व्यवस्था भी मजबूत की जा रही है। इसके तहत अब पटना में ही कोरोना के नए वैरिएंट की जांच होगी। नए वैरिएंट का पता लगाने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग की व्यवस्था की गई है। जीनोम सिक्वेंसिंग व्यवस्था के जरिए कोरोना के नए वैरिएंट एक्सई की जांच होगी।
पटना में ही सभी वैरिएंट की जांच
अब पटना में ही कोरोना के सभी वैरिएंट की जांच होगी। कोरोना के किसी भी सैंपल को अब बाहर भेजने की जरूरत नहीं होगी। पहले कोरोना सैंपल को जांच के लिए दिल्ली या कोलकाता भेजना पड़ता था। इसमें जांच रिपोर्ट आने में हफ्ते भर या 10 दिन का समय लग जाता था। इसके लिए सैंपल के जाने में समय लगने पर जांच रिपोर्ट सही आने की संभावना थोड़ी कम हो जाती थी। अब कोरोना संदिग्ध का सैंपल लेकर उसी तारीख में उसकी जांच हो जाएगी। इससे कोरोना संक्रमित व्यक्ति तुरंत चिह्नित किए जा सकेंगे।
मार्च में सबसे अधिक ओमिक्रॉन के मिले थे संक्रमित
आईजीआईएमएस के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कोरोना के नए वैरिएंट की जांच शुरू की गई है। इससे पहले यहां ओमिक्रॉन वैरिएंट की जांच व्यवस्था शुरू हुई थी। उस दौरान मार्च में जीनोम सिक्वेंसिंग जांच में सबसे अधिक ओमिक्रॉन के मरीज मिले थे। फिलहाल सूबे में कोरोना के नए वैरिएंट एक्सई का कोई भी मरीज नहीं मिला है। इस बारे में माइक्रोबायोलॉजी विभाग की हेड डॉ. नम्रता ने बताया कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू कर दी गई है।
सूबे में कोरोना के दो नए मरीज मिले
बिहार में कोरोना के दो नए मरीज मिले हैं। ये दोनों राजधानी पटना के ही रहने वाले हैं। वहीं, सूबे के शेष 37 जिलों में एक भी नया संक्रमित नहीं मिला है। अभी बिहार में कोरोना के 15 एक्टिव मरीज हैं। सबसे अधिक एक्टिव मरीज पटना में ही हैं। यहां एक्टिव मरीजों की संख्या 6 है। दूसरे नंबर पर औरंगाबाद जिला है, जहां अभी 2 एक्टिव मरीज हैं। इनका इलाज चल रहा है। शेष कुछ जिलों में एक-एक मरीज है।