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बिहार: ठगी का अनोखा तरीका, नकली कार्यालय खोलकर महिला-पुरुष पुलिस की वर्दी में रहते थे तैनात, नौकरी का देते थे झांसा

Updated Aug 18, 2022 | 19:35 IST

Bihar News: बिहार में पुलिस में बहाली के नाम पर अनोखे तरीके से ठगी की गई है। यहां ठगों ने स्कॉट पुलिस टीम पटना के नाम से एक फर्जी ट्रस्ट बना रखा था। यहां लोगों से जिला समादेष्टा के कार्यालय के नाम पर आवेदन लेते थे और जल्द पुलिस में भर्ती का झांसा देते थे।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
पुलिस में बहाली के नाम पर ऐसे चल रही थी ठगी
मुख्य बातें
  • खुद को पुलिस वाला बताकर आरोपी लोगों से करते थे ठगी
  • मामले में पुलिस ने 5 लोगों को किया है गिरफ्तार, सरगना फरार
  • एक महिला और एक पुरुष गिरफ्तार, दोनों पुलिस की वर्दी में थे और पिस्टल साथ रखे थे

Bihar Crime News: पुलिस में बहाली कराने के नाम पर बिहार में ठगी का बड़ा खेल चल रहा था। बांका जिले में अनोखे तरीके से ठगी की जा रही थी। ठगों ने स्कॉट पुलिस टीम पटना के नाम से एक कार्यालय खोल रखा था। यहां आने वालों से जिला समादेष्टा के कार्यालय के नाम पर आवेदन लिया जाता था। ठग आवेदकों से कहते थे कि वह पुलिस वाले हैं। पुलिस का कहना है कि ठगी का धंधा आठ महीनों से चल रहा था। 

बुधवार को पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। हालांकि गिरोह का सरगना फरार हो गया। इसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम छापेमारी कर रही है। पुलिस का कहना है कि गिरोह के तीन सदस्य राम नगर हाट में बन रहे सरकारी दुकान का मुआयना करके वापस लौट रहे थे। इनमें से एक महिला एवं एक पुरुष पुलिस की वर्दी में थे। महिला पुलिस के पास एक पिस्टल भी थी। 

एसडीपीओ को महिला पुलिस पर हुआ शक

एसडीपीओ पुलिस बल के साथ गुजर रहे थे। इसी दौरान उन्हें महिला पुलिस पर शक हुआ। इस पर उन्होंने तीनों से पूछताछ की। गिरफ्तार आरोपियों में दुघटिया फुल्लीमर निवासी मुकेश मुर्मू की पत्नी अनिता देवी, खानपुर भागलपुर निवासी अजय मांझी की बेटी जूली कुमारी, अशोक मांझी का बेटा आकाश कुमार, लोहरिया फुल्लीडुमर निवासी उमेश चंद्र का बेटा रमेश कुमार एवं पथरा फुल्लीडुमर निवासी वकील मांझी शामिल हैं। 

महिला पुलिस के पास पिस्टल होने से हुआ शक

बांका एसडीपीओ दिनेश चंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि जिले में किसी भी महिला पुलिस के पास पिस्टल नहीं है। इस महिला सिपाही के पास पिस्टल देखकर शक हुआ। अनिता और आकाश वर्दी में रहते थे। वहीं, रमेश कार्यालय कर्मी के रूप में काम कर रहा था। अनिता ने बताया कि सरगना भोला यादव ने उन लोगों से पैसे लेकर बहाली की थी। 90 हजार रुपए भी लिए। जूली से 55 हजार रुपए लिए। भोला ने दोनों से यह कहा था कि सरकार की ओर से नौकरी दी जा रही है।  

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