- जिले के 342 जलस्रोतों से हटवाया जाना है अतिक्रमण
- इन सभी जलस्रोतों पर काफी समय से है अतिक्रमण
- कब्जे के कारण पोखर, तालाब और आहर में जल संचय नहीं हो पा रहा है
Encroachment In Patna : पटना के जलस्रोतों को नया जीवन मिलने जा रहा है। जी हां, बिहार सरकार जल संचयन को लेकर काफी गंभीरता दिखा रहा है। इसी कड़ी में राजधानी पटना में कई वर्षों से अतिक्रमण की चपेट में आए जलस्रोतों को अब अतिक्रमण मुक्त करवाया जाएगा। साथ ही इन्हें पुन: विकसित किया जाएगा। पटना के 342 जलस्रोतों से कब्जा हटवाया जाना है। तालाब, पोखर, आहार पर अतिक्रमण के कारण प्राकृतिक जल का संचय नहीं हो पा रहा है।
अब विभाग द्वारा अतिक्रमित जलस्रोतों का सर्वे का काम शुरू कराया गया है। अधिकारियों ने बताया कि 15 जून से पहले सभी अतिक्रमित जलस्रोतों को अतिक्रमण मुक्त कराने का लक्ष्य है।
छह कमेटियों का किया गया गठन
जलस्रोतों को अतिक्रमण मुक्त कराने का काम बुधवार से ही शुरू हो चुका है। पटना सिटी अनुमंडल में अतिक्रमित जलस्रोतों का सर्वे चल रहा है। यहां दो जलस्रोत चिह्नित भी कर लिए गए हैं। इसके अतिरिक्त दानापुर, पटना सदर, बाढ़ और पालीगंज में भी सर्वे शुरू हो चुका है। दो से तीन दिनों में इन क्षेत्रों के अतिक्रमित जलस्रोतों को भी चिह्नित कर लिया जाएगा। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि जलस्रोतों को चिह्नित करने के लिए डीएम के स्तर पर छह कमेटियां बनाई गई हैं।
पटना में 1008 जलस्रोतों में हो रहा मछली पालन
पशुपालन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पटना जिले में 1008 जलस्रोतों में मछली का पालन किया जा रहा है। इन जलस्रोतों को अब विकसित करने की योजना बनाई जानी है। इस दिशा में भी विभाग ने कार्यवाही शुरू कर दी है। बता दें पटना जिले में जलस्रोतों की स्थिति की जानकारी अब ऐप के माध्यम से भी ली जा सकती है। पशुपालन विभाग के अधिकारी जिले के सभी 1008 जलस्रोतों को नियमित तौर पर निरीक्षण कर रहे हैं। इनमें से 75 जलस्रोत ऐसे हैं, जो ऐप पर अपलोड हैं। इनकी जानकारी एक आम आदमी भी ले सकता है।