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दिहाड़ी मजदूर के बेटे ने दुनिया में पटना का मान बढ़ाया, अमेरिका में पढ़ाई के मिला 2.5 करोड़ का स्कॉलरशिप

Updated Jul 08, 2022 | 15:45 IST

Patna Student In America: पटना की प्रतिभा ने फिर दुनिया भर में परचम लहराया है। इस बार दिहाड़ी मजदूर के बेटे ने अमेरिका में पटना और बिहार का नाम रोशन किया है। अब प्रेम कुमार अमेरिका के प्रतिष्ठित संस्थान से ग्रेजुएशन करेगा। संस्थान की ओर से प्रेम को स्कॉलरशिप भी दी जा रही है।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
पटना का प्रेम अमेरिका के टॉप कॉलेज में पढ़ेगा
मुख्य बातें
  • पटना शहर के फुलवारी शरीफ अंतर्गत गोनपुरा गांव का रहने वाला है प्रेम कुमार
  • लाफायेट कॉलेज से करेगा मैकेनिकल इंजीनियरिंग और अंतरराष्ट्रीय संबंध की पढ़ाई
  • संस्थान देगी 2.5 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति और रहने का पूरा खर्च उठाएगा

Patna Student In America: राजधानी के फुलवारी शरीफ स्थित गोनपुरा गांव निवासी दिहाड़ी मजदूर का बेटा अब अमेरिका के टॉप लाफायेट कॉलेज से ग्रेजुएशन करेगा। वह भी कॉलेज के खर्च पर। संस्थान द्वारा 17 वर्षीय प्रेम कुमार को 2.5 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप दी जा रही है। इसके साथ ही रहने-खाने का खर्च भी कॉलेज प्रबंधन उठाएगा। बता दें, 1826 में स्थापित हुए लाफायेट कॉलेज लगातार अमेरिका के टॉप 25 कॉलेज में शामिल है। 

अमेरिका के प्रतिष्ठित संस्थान से इतनी छात्रवृत्ति पाकर वहां के टॉप कॉलेज में पढ़ाई करने वाला भारत का छात्र है। खास बात है कि, अपने परिवार का प्रेम पहला सदस्य है, जो कॉलेज जाएगा। फिलहाल यह शोषित समाधान केंद्र में 12वीं का छात्र है। 

विश्व भर से 6 छात्रों को ही मिली छात्रवृत्ति

प्रेम कुमार लाफायेट कॉलेज चार साल तक मैकेनिकल इंजीनियरिंग और अंतर्राष्ट्रीय संबंध की पढ़ाई करेगा। विश्व भर से लाफायेट कॉलेज की प्रतिष्ठित स्कॉलरशिप डायर फैलोशिप के लिए छह छात्रों का ही चयन हुआ है। संस्थान का कहना है कि, यह फैलोशिप चुनिंदा छात्रों को ही दिया जाती है। यह उन छात्रों को दिया जाती है, जो दुनिया की कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान निकालने के लिए आंतरिक प्रेरणा और प्रतिबद्धता रखते हैं। राष्ट्रीय संगठन डेक्स्टेरिट ग्लोबर ने प्रेम को 14 साल की उम्र में ही पहचाना और उन्हें तब से डेक्स्टेरिटी द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा था। 

प्रेम के माता-पिता स्कूल तक नहीं गए हैं

प्रेम का कहना है कि, उनके माता-पिता कभी स्कूल तक नहीं गए हैं। खुद को संस्थान की ओर से भेजे गए स्वीकृति पत्र के बो में बताया कि, एडमिशन के डीन मैथ्यू एस हाइड ने लिखा है- 'बधाई हो! हम वंचित समुदायों की सेवा करने की आपकी प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प से प्रेरित हुए।' वहीं, डेक्सटेरिटी ग्लोबल के संस्थापक और सीईओ शरद सागर ने कहा है कि, साल 2013 से हमने बिहार में महादलित बच्चों पर काम शुरू किया था। इस समुदाय के विद्यार्थियों के माध्यम से अगली पीढ़ी के लिए नेतृत्व तैयार करना, उन्हें सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय में भेजना हमारा लक्ष्य बन गया।

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