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Holding Tax Rule In Ranchi: रांची में होल्डिंग टैक्स का बदला नियम, अब इस आधार पर आपको जमा करना होगा टैक्स

Updated Jun 30, 2022 | 18:37 IST

Holding Tax Rule In Ranchi: रांची नगर निगम क्षेत्र में होल्डिंग टैक्स के नियमों में बड़ा बदलाव हुआ है। नए नियम के अनुसार टैक्स वसूली भी हो रही है। कई क्षेत्रों में आवासीय भवन का होल्डिंग टैक्स 15 प्रतिशत तक बढ़ा है। व्यावसायिक भवनों के होल्डिंग टैक्स में भी चार गुना तक बढ़ोतरी हुई है।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
रांची में सर्किल रेट के आधार पर अब होल्डिंग टैक्स
मुख्य बातें
  • निबंधन विभाग की सर्किल रेट के अनुसार नगर निगम ने तय किया है होल्डिंग टैक्स
  • संशोधित रेट के तहत 53 वार्डों में से सबसे अधिक होल्डिंग टैक्स वार्ड-22, 25 और 23 में तय हुआ है
  • वार्ड 48, 49 और 50 में सर्किल रेट कम होने से होल्डिंग टैक्स भी कम निर्धारित हुआ

Holding Tax Rule In Ranchi: रांची नगर निगम क्षेत्र में होल्डिंग टैक्स में व्यापक बदलाव हुआ है। निबंधन विभाग की सर्किल रेट के मुताबिक होल्डिंग टैक्स वसूला जाना है। नगर निगम ने टैक्स वसूली शुरू भी कर दी है। नए नियम के तहत कई इलाकों में आवासीय एवं व्यावसायिक भवनों के होल्डिंग टैक्स में जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई है। जबकि कुछ इलाकों में टैक्स अपेक्षाकृत कम तय हुआ है। कई क्षेत्रों में आवासीय भवनों का होल्डिंग टैक्स 15 प्रतिशत तक बढ़ा है। वहीं, व्यावसायिक भवनों के होल्डिंग टैक्स में चार गुना तक इजाफा हुआ है। 

किस वार्ड में बढ़ा और कहां घटा टैक्स

नई व्यवस्था के मुताबिक नगर निगम के 53 वार्डों में से वार्ड नंबर 22, 25 और 23 क्षेत्र के अपर बाजार, डेली मार्केट, हिंदपीढ़ी इलाके में सबसे अधिक टैक्स तय किया गया है। जबकि वार्ड नंबर 48, 49 और 50 इलाके के मनिटोला, छपन्न सेट, साकेत नगर, हवाई नगर की सर्किल रेट कम होने से टैक्स भी कम तय किया गया। 

वार्षिक किराए पर पहले दो प्रतिशत लगता था टैक्स

नगर क्षेत्र में पहले वार्षिक किराए पर दो प्रतिशत होल्डिंग टैक्स लगता था। पूर्व में होल्डिंग टैक्स की गिनती कारपेट एरिया गुणा सड़क की चौड़ाई के अनुसार तय दर को ऑक्यूपेंसी टाइप से गुणा करने के बाद वार्षिक किराया मूल्य निकाला जाता था। इस वैल्यू पर दो प्रतिशत टैक्स वसूला जाता था। जबकि नई व्यवस्था में गणना की प्रक्रिया ही बदल चुकी है। अब कारपेट एरिया की जगह बिल्टअप एरिया को सर्किल दर से गुणा करने पर कैपिटल वैल्यू निकाली जा रही है। 

शहरी क्षेत्र का भी बदल सकता है सर्किल रेट

इस नई व्यवस्था के तहत होल्डिंग टैक्स में हुई भारी असमानता को देखकर अगस्त से शहरी क्षेत्र के सर्किल रेट में भी बदलाव होने की संभावना है। नगर निगम ने इसको लेकर विभाग को पत्र भी लिखा है। दरअसल, राज्य सरकार के निर्देश पर हर दो साल पर शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के सर्किल रेट में 10 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की जाती है। पिछले साल ही शहरी क्षेत्र में सर्किल रेट बढ़ाया गया था।