- 10 दिन पहले अस्पताल में आई है लेजन मशीन, लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, एनेस्थेसिया स्टेशन
- फिलहाल आंख रोग की सिर्फ ओपीडी चलती है, मरीज को सर्जरी के लिए रेफर किया जाता है
- आई ओटी के लिए जरूरी उपकरणों की सूची तैयार अब होना है टेंडर
Ranchi Sadar Hospital: राजधानी स्थित सदर अस्पताल में अब आंखों की सर्जरी भी होगी। इसके लिए अस्पताल में 10 दिन पहले ही मशीनें आईं हैं। इनमें एडवांस सर्जरी के लिए लेजर मशीन, लेप्रोस्कोपि सर्जरी, एनेस्थेसिया स्टेशन आदि मशीनें हैं। इनका इंस्टॉलेशन एक महीने के अंदर हो जाएगा। फिलहाल आंख की बीमारियों के लिए सिर्फ ओपीडी संचालित की जा रही है। जिन मरीजों को सर्जरी की जरूरत होती है, उन्हें रिम्स रेफर कर दिया जाता है।
अब रिम्स पर मरीजों का दबाव कम करने के लिए सदर अस्पताल में ही आंखों की सर्जरी यूनिट शुरू करने की तैयारी चल रही है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि, आंखों की एडवांस सर्जरी यहां कराई जाएगी। आई ओटी के लिए आवश्यक उपकरण की सूची बना ली गई है। अब इन उपकरणों के लिए टेंडर निकाला जाएगा।
हर दिन 50 से 60 मरीजों का हो रहा इलाज
फिलहाल के नेत्र ओपीडी में प्रत्येक दिन 50 से 60 मरीजों का इलाज किया जाता है। सर्जरी लायक 20 से 25 प्रतिशत मरीज रिम्स रेफर कर दिए जाते हैं। सदर अस्पताल में अभी तीन नेत्र सर्जन हैं। अस्पताल के तीसरे मंजिल पर आई डिपार्टमेंट का वार्ड चल रहा है। इसी फ्लोर पर ओटी का सेटअप बनाया जा रहा है।
यह होंगी सब सर्जरी
अब सदर अस्पताल में नेत्र रोग विभाग में रूटीन तौर पर सर्जरी होगी। यहां कैटरेक्ट, ग्लूकोमा सर्जरी, टेरिक्यूम, कॉर्निया से संबंधित सभी तरह की सर्जरी, कॉर्निया रिपोयर आदि किए जाएंगे। इस बारे में सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार का कहना है कि, सर्जरी शुरू होने से रिम्स से भी बेहतर सुविधाएं सदर अस्पताल में मिलेंगी। यहां मरीजों का स्वच्छ वातावरण मिलेगा। आयुष्मान से बगैर किसी खर्च के बड़े-बड़े ऑपरेशन मुफ्त में किए जाएंगे।
अभी मोतियाबिंद से जुड़ी यह जानकारी नहीं मिल पाती
फिलहाल सदर अस्पताल में यह पता नहीं चल पाता है कि, मरीज का मोतियाबिंद कितना पका है। अंदेशे पर सर्जरी होती रही है। अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपांकर का कहना है कि, फिलहाल पुरानी तकनीक से कैटरेक्ट की सर्जरी की जा रही है।